
शनिवार शाम भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम (सीज़फायर) की घोषणा हुई थी। इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच उम्मीद जगी थी कि अब सीमा पर शांति बनी रहेगी। लेकिन संघर्षविराम के बावजूद जालंधर जिले में प्रशासन की ओर से कुछ पाबंदियाँ अभी भी लागू रखी गई हैं।
जालंधर में प्रशासन सतर्क, डीसी ने की लोगों से अपील
जालंधर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जानकारी दी कि जिले में अब स्थिति सामान्य है और किसी भी तरह की चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग आम दिनचर्या के कामकाज शुरू कर सकते हैं। लेकिन साथ ही प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और लोगों से भी सावधानी बरतने की अपील की गई है।
डीसी ने साफ कहा कि किसी भी हालात में पटाखे चलाना, ड्रोन उड़ाना, या ग़लत और अपुष्ट सोशल मीडिया संदेश साझा करना सख्त मना है। अगर कोई इन आदेशों का उल्लंघन करता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि ये कदम इसलिए उठाए गए हैं ताकि शहर में डर और अफवाहों का माहौल न बने।
पाकिस्तान ने फिर तोड़ा संघर्षविराम, 4 घंटे भी नहीं निभाया वादा
जहाँ एक तरफ भारत ने शांति की पहल की थी, वहीं पाकिस्तान ने सीज़फायर के महज़ 4 घंटे बाद ही उसका उल्लंघन कर दिया। जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के अखनूर, पुंछ, आरएस पुरा और नौशहरा सेक्टरों में पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी की गई। इसके अलावा राजौरी जिले में भी तोप और मोर्टार से हमला किया गया।
उमर अब्दुल्ला ने दी जानकारी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम तोड़ने की जानकारी दी। उन्होंने इसे शांति की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला कदम बताया और कहा कि भारत को अब सख्त रुख अपनाना होगा।
क्या आगे फिर बढ़ेगा तनाव?
पाकिस्तान की इस हरकत के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ और सेना अब और ज्यादा चौकन्नी हो गई हैं। हालांकि सरकार की ओर से फिलहाल कोई आक्रामक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि अगर ऐसे हमले जारी रहे तो भारत भी कड़ा जवाब दे सकता है।
इस घटनाक्रम से साफ है कि भले ही सीज़फायर का ऐलान हो गया हो, लेकिन पाकिस्तान पर भरोसा करना अभी मुश्किल है। वहीं, जालंधर प्रशासन की ओर से जनता की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम एहतियाती और जरूरी हैं।