
भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अब वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद 9 आतंकी अड्डों को नष्ट कर दिया। इस बार खास बात यह रही कि सेना ने पारंपरिक हथियारों की जगह एक नई और स्मार्ट तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसे कहते हैं Loitering Munition या ‘कामीकाजे ड्रोन’।
अब सवाल उठता है कि ये Loitering Munition क्या है? और कैसे इसने दुश्मनों को बिना कोई मौका दिए तहस-नहस कर दिया?
क्या है Loitering Munition?
Loitering Munition एक ऐसा आधुनिक हथियार है, जो दिखने में भले ही ड्रोन जैसा हो, लेकिन इसका काम मिसाइल की तरह होता है। ये पहले आसमान में उड़ते हुए दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखते हैं और जैसे ही सही मौका आता है, ये खुद को दुश्मन के ठिकाने पर गिराकर विस्फोट करते हैं।
इसी वजह से इन्हें ‘कामीकाजे ड्रोन’ कहा जाता है, क्योंकि ये खुद को बलिदान करते हैं ताकि दुश्मन को मिटाया जा सके। ये हथियार एक समय तक हवा में मंडराते हैं (Loiter करते हैं), और ऑपरेटर के इशारे या ऑटोमैटिक सेंसर से टारगेट पर हमला करते हैं।
इस तकनीक की खूबियाँ:
सटीक हमला: Loitering Munition टारगेट को एकदम सही तरीके से निशाना बनाते हैं।
कम collateral damage: इनका हमला बहुत केंद्रित होता है, जिससे आसपास के आम लोगों या इमारतों को नुकसान नहीं होता।
सैनिकों को खतरा नहीं: इस तकनीक में किसी सैनिक को सीमा पार भेजने की ज़रूरत नहीं होती।
रियल-टाइम नियंत्रण: इन्हें ऑपरेटर दूर से कंट्रोल कर सकते हैं, या ये खुद ही टारगेट पहचान सकते हैं।
चलते दुश्मन पर भी हमला संभव: यह चलते हुए आतंकी या वाहन को भी निशाना बना सकते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में कैसे हुआ इस्तेमाल?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिला दिया था। उस हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने सख्त निर्णय लेते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
सेना, वायुसेना और नौसेना—तीनों ने मिलकर पाकिस्तान और PoJK में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकानों को चिन्हित किया। खास बात यह थी कि ये हमले भारत की सीमा में रहते हुए किए गए और Loitering Munition की मदद से आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया।
इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे संगठनों के अड्डे प्रमुख लक्ष्य थे। भारत ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया—यह हमला सिर्फ और सिर्फ आतंक के खिलाफ था।
साफ संदेश और देश की सराहना
भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया कि आतंक के खिलाफ उसकी नीति अब सिर्फ बयान तक सीमित नहीं है, बल्कि स्मार्ट, सटीक और रणनीतिक कार्रवाई उसकी नई पहचान है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देशभर से सेना को समर्थन और सराहना मिली। राजनीतिक दलों ने सेना की समझदारी और तकनीकी ताकत की तारीफ की। आम लोगों ने भी सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के साहस और इस नई तकनीक की खूब प्रशंसा की।