Nvidia के CEO जेन्सेन हुआंग ने हाल ही में भारत में एक बड़ी पहल की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करना है। Nvidia के ‘AI समिट’ में हिस्सा लेने भारत आए हुआंग ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के साथ मिलकर देश में AI इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने और इस क्षेत्र में तेजी से विकास करने की योजनाओं पर चर्चा की। इसके साथ ही, उन्होंने भारत के लिए एक खास AI मॉडल ‘Nemotron-4-Mini-Hindi-4B’ लॉन्च किया, जो विशेष रूप से भारत के डेटा और इनफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।
भारत को AI हब बनाने का विजन
Nvidia के प्रमुख हुआंग ने अपनी घोषणा में भारत को AI का ग्लोबल हब बनाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि भारत के पास पहले से ही वह सभी संसाधन हैं जो इस लक्ष्य को साकार करने के लिए जरूरी हैं, जैसे कि डेटा, प्रशिक्षित आईटी और कंप्यूटर साइंस पेशेवर, और नवाचारी उद्योग। हुआंग ने बताया कि भारत के पास एक बड़े पैमाने पर डेटा है, और यहां की कंपनियां AI मॉडल तैयार करने के लिए इसे बखूबी इस्तेमाल कर सकती हैं। उनका मानना है कि इस डेटा के साथ, भारत को केवल AI इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है ताकि देश में नए AI सॉल्यूशंस का विकास हो सके और ये प्रौद्योगिकियाँ अन्य देशों को निर्यात की जा सकें।
रिलायंस और Nvidia की साझेदारी
हुआंग ने अपनी घोषणा में बताया कि Nvidia और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मिलकर भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की योजना बनाई है। इस साझेदारी का उद्देश्य भारत में AI को लोकतांत्रिक बनाना है, जिससे AI के फायदे सभी भारतीयों तक पहुंच सकें। इस बैठक में मुकेश अंबानी ने बताया कि Jio आज दुनिया की सबसे बड़ी डेटा कंपनी बन चुकी है और इसका लक्ष्य अब AI को भारत के हर नागरिक के लिए सुलभ और सस्ता बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि Jio कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाला डेटा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उदाहरण के लिए, Jio 15 सेंट प्रति GB की दर से डेटा प्रदान करता है, जो अमेरिका में डेटा की दर से काफी कम है। इसी तरह, Jio AI सॉल्यूशंस को भी उसी सिद्धांत पर आधारित रखेगा ताकि यह सभी लोगों के लिए सुलभ हो।
भारत के लिए AI मॉडल: ‘Nemotron-4-Mini-Hindi-4B’
Nvidia ने भारत के लिए एक खास AI मॉडल ‘Nemotron-4-Mini-Hindi-4B’ लॉन्च किया है। यह मॉडल भारतीय फर्मों को अपना खुद का AI मॉडल तैयार करने में सक्षम बनाएगा। Nemotron-4-Mini-Hindi-4B का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय भाषा और संस्कृति के अनुकूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देना है। इस मॉडल का प्रयोग करके कंपनियाँ भारत के विशेष व्यावसायिक जरूरतों के लिए AI-आधारित समाधान विकसित कर सकेंगी। Nvidia का यह मॉडल भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, ताकि भारत में विविध भाषाओं और भाषाई जरूरतों को AI मॉडल के माध्यम से पूरा किया जा सके।
भारत में AI के विस्तार की संभावनाएँ
Nvidia के CEO ने भारत के आईटी सेक्टर की सराहना की और कहा कि दुनिया के बहुत कम देशों के पास भारत जैसी प्रशिक्षित आईटी प्रतिभा है। हुआंग ने कहा कि भारत में कुशल इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी नहीं है, और ये लोग इस AI मॉडल का इस्तेमाल करके नई तकनीकों का विकास कर सकते हैं। उनका मानना है कि AI के क्षेत्र में यह भारत के लिए एक असाधारण समय है।
AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का मंत्र
हुआंग ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। उनका कहना है कि भारत को अन्य देशों से AI तकनीक आयात करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि अपने देश में ही इसे विकसित करके दुनिया भर में निर्यात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में सभी जरूरी संसाधन हैं और अब केवल इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है। इसके लिए Nvidia और रिलायंस की साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के रास्ते को आसान बनाएगा।
AI का जनसाधारण तक पहुँचना
मुकेश अंबानी ने इस साझेदारी के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि AI को भारत के हर नागरिक तक पहुँचाना है, और इसे आम जनता के लिए किफायती बनाना है। उनका मानना है कि AI को देश के हर कोने में पहुंचाने के लिए इसे मौजूदा स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर ही सुलभ बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जैसे Jio ने डेटा के क्षेत्र में क्रांति की है, उसी तरह अब AI में भी क्रांति लाने की जरूरत है ताकि आम लोग भी इसका लाभ उठा सकें। Nvidia और रिलायंस की साझेदारी से भारत के AI क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आने की संभावना है। ‘Nemotron-4-Mini-Hindi-4B’ जैसे AI मॉडल भारतीय कंपनियों और उद्योगों को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने में सहायक होंगे। इस सहयोग से न केवल भारत AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर भी एक नई पहचान मिलेगी। हुआंग और अंबानी का यह विजन भारत को AI का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और यदि यह सफल होता है, तो भारत AI इनोवेशन और निर्यात का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है।