उत्तर प्रदेश के आगरा में सोमवार को भारतीय वायुसेना का एक फाइटर एयरक्राफ्ट MiG-29 क्रैश हो गया। उड़ान भरते समय ही एयरक्राफ्ट में अचानक आग लग गई, जिसके बाद यह एक जलता हुआ गोला बनकर खेत में जा गिरा। क्रैश के वक्त एयरक्राफ्ट में दो पायलट मौजूद थे, जिन्होंने समय रहते इजेक्ट कर अपनी जान बचा ली। दोनों पायलट और को-पायलट ने आग लगने के कुछ सेकेंड के भीतर ही खुद को एयरक्राफ्ट से बाहर निकाल लिया। पायलट और को-पायलट पैराशूट के जरिए लगभग दो किलोमीटर दूर सुरक्षित लैंड हुए।
कैसे हुआ हादसा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय वायुसेना का यह MiG-29 फाइटर जेट पंजाब के आदमपुर से रूटीन एक्सरसाइज के लिए आगरा जा रहा था। इसी दौरान आगरा के कागारौल क्षेत्र के सोंगा गांव के खेत में क्रैश हो गया। हादसे की सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन के साथ ही सेना के अधिकारी, रक्षा अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंच गए। इस हादसे के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में जलते हुए एयरक्राफ्ट के आसपास बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। कुछ लोग एयरक्राफ्ट के टुकड़े भी उठाते नजर आ रहे हैं, हालांकि सुरक्षा कारणों से पुलिस और सेना ने जल्द ही भीड़ को वहां से हटाया। इस हादसे में पायलटों को किसी तरह की चोट नहीं आई है, क्योंकि उन्होंने सुरक्षित तरीके से इजेक्ट कर लिया था।
MiG-29 फाइटर जेट की खासियत
MiG-29 फाइटर जेट रूस में निर्मित एक हाइटेक फाइटर जेट है, जिसे नाटो देशों के सहयोगी संगठन में ‘फलक्रम’ के नाम से जाना जाता है। भारत में इसे ‘बाज़’ कहा जाता है। भारतीय वायुसेना में MiG-29 को 1987 में ऑफिशियली कमीशन किया गया था, और तब से यह वायुसेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इस हादसे में जो MiG-29 क्रैश हुआ, वह ‘MiG-29 यूपीजी’ का अपग्रेडेड वर्जन था, जो अधिक आधुनिक तकनीक से लैस है।
हालिया MiG-29 क्रैश की घटनाएं
गौरतलब है कि बीते दो महीनों में यह दूसरा MiG-29 क्रैश का मामला है। इससे पहले सितंबर में राजस्थान के बाड़मेर में भी एक MiG-29 रूटीन नाइट फ्लाइंग के दौरान तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गया था। उस समय भी पायलट ने समय रहते इजेक्ट कर अपनी जान बचा ली थी। ऐसे हादसे भारतीय वायुसेना के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं, क्योंकि MiG-29 एक उन्नत तकनीक वाला फाइटर जेट होने के बावजूद भी इसमें बार-बार तकनीकी खामियां आ रही हैं।
हादसे के कारणों की जांच
MiG-29 जैसे हाइटेक फाइटर जेट में बार-बार हो रही तकनीकी खराबियों को देखते हुए वायुसेना ने इस हादसे की गहन जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच के बाद ही पता चलेगा कि क्रैश का असल कारण क्या था। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम की स्थिति, तकनीकी खामी, या किसी अन्य कारणों की वजह से यह हादसा हुआ हो सकता है।
इस हादसे में दोनों पायलट सुरक्षित हैं, लेकिन बार-बार हो रहे MiG-29 क्रैश भारतीय वायुसेना के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। वायुसेना ने इस मामले में पूरी जांच कर ऐसे हादसों से बचाव के उपाय करने की दिशा में कदम उठाने की बात कही है।