भारत सरकार कर्मचारियों को और अधिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के तहत मासिक वेतन सीमा को दोगुना करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में EPFO के तहत मासिक वेतन सीमा 15,000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 30,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के तहत वेतन सीमा को भी इसी राशि तक बढ़ाया जा सकता है।
हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की गई। बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि अधिकांश सदस्य और श्रम मंत्रालय वेतन सीमा बढ़ाने के पक्ष में हैं। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय फरवरी 2025 में केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में लिया जाएगा।
वेतन सीमा बढ़ाने का लाभ
वर्तमान में, EPFO के तहत 15,000 रुपये से अधिक की कमाई करने वाले कर्मचारी स्वेच्छा से योगदान से बाहर हो सकते हैं। लेकिन यदि वेतन सीमा बढ़ाई जाती है, तो लाखों कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रस्ताव को लागू करने से EPF के तहत कर्मचारियों की संख्या बढ़ जाएगी।
वर्तमान में, ESIC के तहत वेतन सीमा 21,000 रुपये है, जिसके तहत कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलते हैं। श्रम मंत्रालय और बोर्ड इस प्रस्ताव पर सहमत हैं कि कई राज्यों में न्यूनतम वेतन सीमा वर्तमान EPF सीमा से अधिक है, जिससे अधिक कर्मचारियों को इस दायरे में लाया जा सकता है।
भारत में संगठित क्षेत्र के कर्मचारी
भारत में संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी मुख्य रूप से उन संस्थाओं में कार्य करते हैं जो विभिन्न सरकारी कानूनों के तहत पंजीकृत होती हैं, जैसे कि फैक्ट्री एक्ट, दुकानों और संस्थाओं एक्ट, आदि। संगठित क्षेत्र में दो मुख्य भाग होते हैं: सार्वजनिक क्षेत्र (सरकारी) और निजी क्षेत्र।
संगठित क्षेत्र में कुल कर्मचारी
भारत में संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 30-35 मिलियन (3-3.5 करोड़) अनुमानित है। इसमें सरकारी कर्मचारी और पंजीकृत निजी कंपनियों के कर्मचारी दोनों शामिल हैं।
सरकारी कर्मचारी
- केंद्रीय सरकारी कर्मचारी: केंद्रीय सरकार की संस्थाओं, मंत्रालयों और विभागों में लगभग 3.0-3.5 मिलियन कर्मचारी काम करते हैं।
- राज्य सरकारी कर्मचारी: लगभग 7-8 मिलियन कर्मचारी विभिन्न राज्य सरकारों के तहत काम करते हैं।
- पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs): PSUs में 1.5-2 मिलियन कर्मचारी काम करते हैं।
- कुल सरकारी कर्मचारी: 11.5-13.5 मिलियन कर्मचारी (केंद्रीय, राज्य और PSU कर्मचारियों सहित)।
EPFO के तहत कर्मचारी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भारत में एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा संस्था है। 2024 तक:
- सक्रिय EPFO सदस्य: 72 मिलियन से अधिक सदस्य।
- इनमें सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों के कर्मचारी शामिल हैं, क्योंकि EPFO उन संस्थाओं को कवर करता है जिनमें 20 या उससे अधिक कर्मचारी होते हैं।
EPFO के अधिकांश सदस्य निर्माण, आईटी, निर्माण, व्यापार और परिवहन जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं।
कर्मचारियों का क्षेत्रवार वितरण
- जनता क्षेत्र: प्रशासन, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक उपयोगिताएँ और बुनियादी ढांचा, परिवहन और संचार।
- निजी क्षेत्र: निर्माण और उद्योग, IT और IT-समर्थ सेवाएं, बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, खुदरा और व्यापार, निर्माण, परिवहन और लॉजिस्टिक्स।
संगठित क्षेत्र में अनौपचारिक कर्मचारी
संगठित क्षेत्र में लगभग 10-12% कर्मचारी “गैर-आधिकारिक” माने जाते हैं, यानी वे EPFO या स्वास्थ्य देखभाल जैसे लाभों से बाहर होते हैं, भले ही वे पंजीकृत कंपनियों में काम करते हों।
- कुल संगठित कर्मचारी: लगभग 30-35 मिलियन।
- सरकारी कर्मचारी: लगभग 11.5-13.5 मिलियन।
- EPFO सदस्य: 72 मिलियन से अधिक (सभी विशेष रूप से संगठित क्षेत्र से नहीं)।
- निजी क्षेत्र का दबदबा: कर्मचारियों की संख्या बड़ी है, खासकर निर्माण और IT क्षेत्रों में।
इस प्रकार, यदि EPF और ESIC की वेतन सीमा बढ़ाई जाती है, तो इससे लाखों कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त होंगे, और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है।