
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के चलते भारतीय नौसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर जोरदार हमला किया है। बताया जा रहा है कि इस हमले में कराची पोर्ट को भारी नुकसान हुआ है और वह पूरी तरह से तबाह हो गया है। यह हमला पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हुआ, जिसमें कई भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
इस हमले के लिए भारतीय नौसेना ने अपने सबसे ताकतवर युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को पहले से ही अरब सागर में तैनात कर रखा था। आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है और इसकी मारक क्षमता काफी जबरदस्त है। इसके साथ तैनात स्ट्राइक ग्रुप में एक विमानवाहक पोत, विध्वंसक जहाज, फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और अन्य सहायक जहाज शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने पहले पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें तबाह कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी हमले की कोशिशें की गईं, लेकिन भारत की सेना पहले से तैयार थी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई हमलों को नाकाम किया और पाकिस्तान के तीन लड़ाकू विमान – एक F-16 और दो JF-17 – को मार गिराया।
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अंदर उसके एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) को भी निशाना बनाया और उसे सफलतापूर्वक गिरा दिया। यह हमला पाकिस्तान की सीमा के भीतर हुआ, जिससे यह साफ हो गया कि भारत किसी भी हाल में अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
ड्रोन हमलों की भी बात करें तो जम्मू-कश्मीर के उधमपुर और राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन हमलों को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। इसके अलावा, अखनूर में एक ड्रोन को मार गिराया गया और पुंछ में दो आत्मघाती (कामिकेज) ड्रोन को भी वक्त रहते नष्ट कर दिया गया।
इन सभी घटनाओं से यह साफ हो गया है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले का जवाब शांतिपूर्वक नहीं, बल्कि पूरी ताकत से देगा। तीनों सेनाएं – थलसेना, वायुसेना और नौसेना – पूरी तरह एकजुट होकर देश की रक्षा में जुटी हैं। भारत का संदेश साफ है कि आतंक और हमलों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस बड़े हमले के बाद पाकिस्तान की स्थिति काफी नाजुक हो गई है। कराची पोर्ट, जो उसकी समुद्री अर्थव्यवस्था का बड़ा केंद्र है, अब लगभग पूरी तरह नष्ट हो चुका है। यह भारतीय नौसेना की एक रणनीतिक और सटीक कार्रवाई थी, जिसने दुश्मन को करारा जवाब दिया।
भारत की इस जवाबी कार्रवाई ने न सिर्फ सुरक्षा बलों की ताकत को दिखाया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि अगर कोई भारत की ओर आंख उठाकर देखेगा, तो उसे उसी भाषा में जवाब मिलेगा।