अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई आर्थिक रणनीति के कारण भारतीय शेयर बाजार में तेज़ी देखी जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप की आर्थिक टीम अमेरिकी व्यापार नीति में बदलाव लाने की योजना बना रही है, जिसमें धीरे-धीरे टैरिफ़ बढ़ाने का प्रस्ताव है। इस रणनीति का भारतीय शेयर बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा, जिससे बाजार में उत्साह और तेज़ी का माहौल बना। भारतीय निवेशक इस बदलाव को लेकर आशावादी नजर आ रहे हैं, और शेयर बाजार में उछाल आया है।
अमेरिकी व्यापार नीति में बदलाव की संभावनाएँ
ट्रंप की आर्थिक टीम इस समय अमेरिकी व्यापार नीति को पुनः आकार देने की योजना पर विचार कर रही है, जिसमें टैरिफ़ को धीरे-धीरे बढ़ाने का प्रस्ताव है। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव में प्रत्येक महीने टैरिफ़ में 2 से 5 प्रतिशत तक का वृद्धि करने की बात की जा रही है। यह योजना अमेरिकी व्यापारिक वार्ता को मजबूत करने और अचानक महंगाई बढ़ने से बचने के उद्देश्य से बनाई जा रही है। हालांकि, यह प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है और राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे अभी आधिकारिक रूप से पेश नहीं किया है। इस बदलाव को लेकर निवेशक और व्यापारी चितित हैं, क्योंकि इसका असर अमेरिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर हो सकता है।
ट्रंप की चुनावी मुहिम और व्यापार नीतियां
2024 के राष्ट्रपति चुनावी अभियान के दौरान, डोनाल्ड ट्रंप ने आयातित सामान पर कम से कम 10 से 20 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने का प्रस्ताव किया था। इसके अलावा, चीन से आयातित सामान पर 60 प्रतिशत तक या उससे अधिक टैरिफ़ लगाने की संभावना जताई थी। चुनाव में जीत के बाद, विभिन्न रिपोर्ट्स ने संकेत दिए हैं कि ट्रंप अपनी व्यापार नीति को आक्रामक तरीके से लागू करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि वे अपनी टैरिफ़ नीति को बढ़ाने का कोई भी कदम उठाएंगे। इस अनिश्चितता ने निवेशकों और व्यापारियों को नई प्रशासनिक व्यापार नीतियों के प्रभाव को लेकर भ्रमित कर दिया है।
टैरिफ़ वृद्धि से महंगाई और शेयर बाजार पर असर
हाल ही में, ट्रंप द्वारा संभावित टैरिफ़ वृद्धि के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा निवेशकों को अमेरिकी ट्रेजरी बॉंड्स से दूर कर रहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ़ बढ़ाने से महंगाई बढ़ सकती है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह स्थिति फेडरल रिजर्व के लिए चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि ट्रंप की टैरिफ़ नीति के संभावित प्रभाव से अमेरिकी आर्थिक विकास को खतरा हो सकता है। अगर अन्य देशों ने जवाबी कार्रवाई की, तो महंगाई में और वृद्धि हो सकती है।
IMF और वैश्विक व्यापार पर चेतावनी
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने चेतावनी दी है कि ट्रंप की टैरिफ़ नीति पहले से ही वैश्विक स्तर पर दीर्घकालिक उधारी लागतों को बढ़ा रही है। उनका मानना है कि यह नीति केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ही नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार को भी प्रभावित कर सकती है। जॉर्जीवा ने कहा कि अगर अन्य देशों ने इस नीति के खिलाफ कदम उठाए, तो वैश्विक व्यापार की स्थिति और भी जटिल हो सकती है, और महंगाई की दर में वृद्धि हो सकती है।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और भविष्य की उम्मीदें
यह अनिश्चितता शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का कारण बन रही है, लेकिन कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह रणनीति सही तरीके से लागू की जाती है, तो यह अमेरिकी व्यापार के लिए लाभकारी हो सकती है और भविष्य में आर्थिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। टैरिफ़ नीति का सही कार्यान्वयन अमेरिकी व्यापारियों और निवेशकों को एक नई दिशा प्रदान कर सकता है, जो भविष्य में और आर्थिक सुधारों की ओर अग्रसर कर सकता है। हालांकि, यह पूरी स्थिति अभी भी निवेशकों और व्यापारियों के लिए एक जोखिम बनी हुई है, क्योंकि इसके नतीजे बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेंगे कि इस नीति को कितनी प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है।