
भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इस गिरावट ने 29 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोमवार को नए महीने की शुरुआत भी गिरावट के साथ हुई। निफ्टी अपने पिछले उच्च स्तर 26,277.35 (सितंबर 2024) से 4,273 अंक यानी 16% नीचे आ चुका है। इसी तरह, सेंसेक्स अपने 85,978.25 के शिखर से 13,200 अंक (15%) गिर चुका है।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि विदेशी निवेशक (FPIs) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। 2025 में अब तक वे हर दिन औसतन 2700 करोड़ रुपये बेच रहे हैं।
जनवरी-फरवरी में विदेशी निवेशकों ने निकाले 1.23 लाख करोड़ रुपये
अगर हम सिर्फ जनवरी और फरवरी 2025 के आंकड़ों को देखें, तो FPIs ने भारतीय बाजार से 1.23 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए हैं।
- फरवरी के आखिरी दिन ही विदेशी निवेशकों ने 11,639 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए, जो इस साल की सबसे बड़ी एक दिन की बिक्री थी।
- फरवरी में कुल मिलाकर उन्होंने 41,748 करोड़ रुपये की निकासी की।
- अगर इसे हर दिन के हिसाब से देखें, तो रोजाना लगभग 2,688 करोड़ रुपये बाजार से बाहर जा रहे हैं।
घरेलू निवेशक पैसा लगा रहे, लेकिन बाजार अब भी कमजोर
घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) जैसे कि म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियां लगातार पैसा लगा रहे हैं। इसके बावजूद, बाजार में गिरावट बनी हुई है क्योंकि विदेशी निवेशकों की बिकवाली बहुत ज्यादा हो रही है।
माहिरों का मानना है कि बड़ी कंपनियों, अमीर परिवारों और खुदरा निवेशकों का भी बाजार से भरोसा कम हो रहा है, जिससे रिकवरी मुश्किल हो रही है।
क्या अमेरिका और चीन की वजह से बाजार गिर रहा है?
विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिका और चीन के आर्थिक हालातों का असर साफ दिख रहा है।
- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आने के कारण निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ रही है।
- अक्टूबर 2024 से बाजार लगातार गिर रहा है, और उसी समय से FPIs की निकासी भी बढ़ गई है।
- डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड पर ऊंचे रिटर्न के कारण निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालकर अमेरिका में निवेश कर रहे हैं।
- चीन का शेयर बाजार सस्ता हो गया है, इसलिए विदेशी निवेशक भारत में बेचकर चीन में निवेश बढ़ा रहे हैं।
बाजार की आगे की दिशा क्या होगी?
वाटरफील्ड एडवाइजर्स के वरिष्ठ निदेशक विपुल भोर का मानना है कि भारतीय बाजार की ऊंची वैल्यू और कंपनियों की कमाई को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसी कारण विदेशी निवेशक पैसा निकाल रहे हैं।
जीओजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार का कहना है कि विदेशी निवेशक अब भारत में शेयर बेच रहे हैं और चीन में खरीद रहे हैं।
क्या निवेशकों को चिंता करनी चाहिए?
अगर बाजार में गिरावट जारी रहती है, तो आम निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह बाजार का स्वाभाविक चक्र है।
- लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह खरीदारी का अच्छा मौका हो सकता है।
- घरेलू निवेशक बाजार को सहारा दे रहे हैं, इसलिए पूरी तरह गिरावट नहीं होगी।
- अमेरिका और चीन के हालात स्थिर होते ही विदेशी निवेशक दोबारा लौट सकते हैं।
हालांकि, अगर FPIs की बिकवाली जारी रही, तो बाजार में और गिरावट संभव है। ऐसे में स्मार्ट निवेशकों को सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।