
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकियों के ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना, थल सेना और नौसेना ने मिलकर हिस्सा लिया और एयर-टू-सरफेस मिसाइलों की मदद से आतंकियों के अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया।
चश्मदीद की आंखों देखी
इस हमले को पाकिस्तान के एक स्थानीय नागरिक ने Reuters को बताया। उसकी मानें तो रात करीब 12:45 बजे वो और उसका परिवार सो रहे थे। तभी अचानक एक ड्रोन दिखाई दिया, उसके बाद और तीन ड्रोन आसमान में मंडराने लगे। कुछ ही पलों में इन ड्रोनों से मस्जिदों और आसपास के क्षेत्रों पर मिसाइलें दागी गईं, जिससे सब कुछ तबाह हो गया। उसने कहा कि बम धमाकों की आवाजें और आग का मंजर किसी डरावने सपने जैसा था।
25 मिनट तक चला ऑपरेशन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ करीब 25 मिनट तक चला। इस दौरान भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें से 4 ठिकाने पाकिस्तान के भीतर और 5 PoK में स्थित थे। यह हमला अंधेरे की आड़ में किया गया ताकि दुश्मन को इसका अंदाजा न हो सके। सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में 80 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए जो जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े थे।
RAW ने दी अहम जानकारी
भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने इन ठिकानों की पहले से पहचान की थी और वहां की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। इन आतंकी शिविरों को पाकिस्तान की ISI, सेना और SSG (Special Services Group) का भी समर्थन मिल रहा था। भारत ने इस हमले के जरिए न सिर्फ आतंकी संगठनों को, बल्कि उन्हें संरक्षण देने वालों को भी कड़ा संदेश दिया है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले को “युद्ध की खुली कार्रवाई” बताया और कहा कि पाकिस्तान को इसका “मुंहतोड़ जवाब” देने का पूरा हक है। भारत की इस एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी।
भारत का सख्त रुख
पाकिस्तान की ओर से की गई अंधाधुंध गोलाबारी का भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। हालात की गंभीरता को देखते हुए भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की और सीमा पर रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए।
ऑपरेशन सिंदूर का मकसद
इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल बदला लेना नहीं था, बल्कि ये आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति का संकेत है। अब भारत किसी भी हमले का जवाब चुपचाप नहीं देगा, बल्कि ठोस कार्रवाई के जरिए दुश्मनों को सबक सिखाएगा। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में सटीकता, संयम और ताकत का प्रदर्शन किया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति दोनों का प्रतीक है। आतंक के खिलाफ यह संदेश साफ है – भारत अब हर हमले का जवाब देगा, वो भी दुश्मन की जमीन पर जाकर। इस कार्रवाई ने देशवासियों को गर्व और भरोसे से भर दिया है कि देश की सुरक्षा अब और भी मजबूत हाथों में है।