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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान को लेकर भारत सरकार ने गंभीर चिंता जताई है। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि अमेरिका की एजेंसी USAID ने भारत में 2024 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए 21 मिलियन डॉलर (करीब 175 करोड़ रुपये) की फंडिंग की थी।
ट्रंप ने अपने एक भाषण में यह भी कहा कि जो बाइडेन प्रशासन भारत के चुनावों में दखल देने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि “हमें भारत में वोटिंग के लिए 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की जरूरत क्यों है?” इसके साथ ही ट्रंप ने इस फंड को रोकने का ऐलान भी किया।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने ट्रंप के इन आरोपों को बेहद गंभीरता से लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा,
“हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ USAID गतिविधियों और फंडिंग से जुड़ी जानकारी देखी है। ये बेहद चिंताजनक हैं और इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की आशंका पैदा होती है।”
उन्होंने आगे बताया कि सरकार इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। संबंधित विभाग और एजेंसियां इस पर काम कर रही हैं और अभी इस पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
ट्रंप के दावे से हड़कंप
ट्रंप के बयान के बाद अमेरिका और भारत दोनों ही देशों में चर्चा तेज हो गई है। इस आरोप ने भारत-अमेरिका संबंधों में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि बाइडेन प्रशासन भारत में किसी खास दल को जिताने की कोशिश कर रहा था।
ट्रंप का यह बयान उनके अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 के अभियान के दौरान आया है, जिसमें वे लगातार बाइडेन प्रशासन पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत को दी जा रही इस आर्थिक मदद को पूरी तरह से बंद कर देंगे।
भारत का रुख साफ
भारत ने हमेशा से अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत और निष्पक्ष बताया है। भारत सरकार विदेशी दखल को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी और इसलिए इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि जांच पूरी होने के बाद सरकार इस पर उचित कदम उठाएगी।
अब आगे क्या होगा?
- सरकार इस फंडिंग की पूरी जांच करेगी और पता लगाएगी कि यह धनराशि भारत में कहां और कैसे इस्तेमाल हुई।
- अगर विदेशी हस्तक्षेप के सबूत मिलते हैं, तो भारत इस मामले को कूटनीतिक स्तर पर उठाएगा।
- ट्रंप का बयान अमेरिका के आंतरिक राजनीति का हिस्सा भी हो सकता है, क्योंकि वे बाइडेन प्रशासन पर लगातार हमले कर रहे हैं।
फिलहाल, भारत सरकार सतर्क है और इस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है। आने वाले दिनों में इस पर और भी अपडेट सामने आ सकते हैं।