
भारत सरकार ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर अपनी स्पष्ट और कड़ी स्थिति को दोहराया है। मंगलवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जा किए गए कश्मीर (PoK) को खाली करना ही होगा। उन्होंने बताया कि भारत की यह नीति लंबे समय से चली आ रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।
प्रवक्ता ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मसला केवल भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाएगा। इसमें किसी तीसरे देश या अंतरराष्ट्रीय संगठन की कोई भूमिका नहीं होगी। यह भारत का पुराना और मजबूत रुख है, जो बार-बार दोहराया गया है, और आगे भी यही नीति जारी रहेगी।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान जिस हिस्से पर अवैध कब्जा किए बैठा है, वह भारत का अभिन्न हिस्सा है और उसे जल्द से जल्द वहां से हटना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा से यह मानता आया है कि बातचीत ही रास्ता है, लेकिन वह बातचीत भी तभी हो सकती है जब पाकिस्तान आतंकवाद, हिंसा और घुसपैठ जैसी गतिविधियों से पूरी तरह पीछे हटे।
भारत सरकार का यह रुख ऐसे समय पर सामने आया है जब पाकिस्तान की ओर से बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश की जाती रही है। भारत पहले भी यह कह चुका है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और इस पर बाहरी दखल किसी भी सूरत में मंज़ूर नहीं है।
इस दो टूक बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब किसी भ्रम की स्थिति में नहीं है और अपनी सीमाओं व संप्रभुता को लेकर पूरी तरह सजग और सख्त है। PoK को लेकर भारत का संदेश एकदम साफ है—यह इलाका भारत का है और रहेगा।