
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते देश की शेयर बाजार में मंगलवार, 6 मई 2025 को गिरावट देखने को मिली। लगातार दो दिनों की बढ़त के बाद बाजार ने आज मुनाफावसूली का रुख अपनाया और निवेशकों की सतर्कता के कारण सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही गिरावट के साथ बंद हुए।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 155.77 अंक यानी 0.19% गिरकर 80,641.07 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 315.81 अंक तक टूटकर 80,481.03 के स्तर तक पहुंच गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 81.55 अंक यानी 0.33% गिरकर 24,379.60 के स्तर पर बंद हुआ।
विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों ने अमेरिका के फेडरल रिजर्व की नीति बैठक और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता को लेकर भी सतर्कता बरती, जिससे कारोबार सीमित दायरे में रहा। इसके अलावा भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के कारण भी बाजार में घबराहट का माहौल देखा गया।
भारत-पाकिस्तान तनाव और सुरक्षा अभ्यास का असर
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सुरक्षा मॉक ड्रिल करवाने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, लगभग 300 नागरिक सुरक्षा जिलों में यह अभ्यास किया जाएगा। इसमें एयर-रेड सायरन, नागरिकों को दुश्मन के हमले से बचाव की ट्रेनिंग, और बंकरों की सफाई जैसे कदम शामिल हैं।
इस खबर ने बाजार में तनाव को और बढ़ा दिया है, क्योंकि यह संकेत देता है कि सुरक्षा स्थिति गंभीर हो सकती है। इससे निवेशक सतर्क हो गए और उन्होंने जोखिम से बचने के लिए मुनाफा वसूली शुरू कर दी।
किन कंपनियों को हुआ नुकसान
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से कई में गिरावट दर्ज की गई। Eternal, टाटा मोटर्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), अडानी पोर्ट्स, NTPC, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक और सन फार्मा जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में प्रमुख गिरावट देखी गई।
ये कंपनियां मुख्य रूप से बैंकिंग, ऊर्जा और ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़ी हैं, जिन पर वैश्विक अनिश्चितताओं और जियोपॉलिटिकल तनाव का सीधा असर पड़ता है।
कुछ कंपनियों को हुआ फायदा
हालांकि कुछ कंपनियों के शेयरों में मजबूती भी देखने को मिली। भारती एयरटेल, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले और मारुति जैसी कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही। ये कंपनियां उपभोक्ता वस्तुएं और टेलीकॉम सेक्टर से जुड़ी हैं, जिन पर संकट की स्थिति में अपेक्षाकृत कम असर पड़ता है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार पर अमेरिका के ब्याज दरों को लेकर होने वाला फैसला और भारत-पाक तनाव की स्थिति का बड़ा असर देखने को मिल सकता है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे सतर्कता के साथ कदम उठाएं और लॉन्ग टर्म रणनीति को अपनाएं।
इस तरह, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हालात की जटिलता ने शेयर बाजार को हिला कर रख दिया है, और जब तक स्थिति साफ नहीं होती, बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।