
ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग आज अपने आठवें दिन में पहुंच गई है, लेकिन हालात सुधरने के बजाय और ज्यादा बिगड़ते जा रहे हैं। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ जबरदस्त सैन्य कार्रवाई की है, जिससे कई इलाकों में भारी तबाही देखने को मिल रही है।
इजरायल का ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला
इजरायली वायुसेना ने ईरान की राजधानी तेहरान और अराक में मौजूद परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि इन हमलों में आधुनिक मिसाइलों और बमों का इस्तेमाल किया गया। इजरायल का दावा है कि ये ठिकाने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े हैं, जो भविष्य में दुनिया के लिए खतरा बन सकते हैं।
ईरान का पलटवार – मिसाइलों से जवाब
इजरायली हमले के बाद ईरान ने भी जोरदार जवाबी कार्रवाई की। उसने मल्टीपल वॉरहेड मिसाइलें दागीं, जिनमें से कुछ सोरोका अस्पताल और अजोर शहर में जा गिरीं। सोरोका दक्षिणी इजरायल का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां लाखों लोग इलाज करवाते हैं। इस पर हमला मानवीय संकट को जन्म दे रहा है।
ईरान ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगा। उसने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका इस जंग में कूदता है, तो उसे भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अमेरिका की चिंता बढ़ी, ट्रंप ने दो हफ्तों की मोहलत मांगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया है कि वह अगले दो हफ्तों में फैसला लेंगे कि ईरान पर हमला करना है या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर ईरान वार्ता को तैयार होता है, तो शायद लड़ाई को रोका जा सके। लेकिन अगर हालात नहीं सुधरे, तो अमेरिका को कोई बड़ा फैसला लेना पड़ सकता है।
दुनिया भर की प्रतिक्रिया
इस युद्ध को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। रूस, यूरोप और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए हल निकालने की अपील की है। बुल्गारिया ने तो स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तेहरान में अपना दूतावास ही बंद कर दिया है।
ईरान के नेता की चेतावनी
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई लगातार अपने देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं और उन्हें इस जंग के लिए तैयार रहने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि ईरान एकजुट है और किसी भी कीमत पर हार नहीं मानेगा।
इजरायल की चेतावनी – ईरान को खत्म कर देंगे
दूसरी तरफ इजरायली प्रधानमंत्री और सेना के अधिकारी ये साफ कर चुके हैं कि अगर ईरान हमला करना जारी रखता है, तो वे उसे पूरी तरह तबाह कर देंगे।
जंग के आठ दिन बीतने के बावजूद शांति की कोई किरण नजर नहीं आ रही। दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और अब अमेरिका की एंट्री पर सबकी नजरें टिकी हैं। आने वाले कुछ दिन दुनिया के लिए बेहद अहम हो सकते हैं – क्योंकि ये सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं, बल्कि वैश्विक शांति के लिए खतरा बन चुकी है।