
भारतीय रेल में सफर करने वाले यात्री अक्सर 15 रुपये में मिलने वाली ‘रेल नीर’ की पानी की बोतल से अपनी प्यास बुझाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस मामूली सी कीमत वाली बोतल से भारतीय रेलवे को कितना मुनाफा होता है?
दरअसल, इस बोतल के पीछे है एक बहुत बड़ी योजना और कारोबार, जिसे चलाता है Indian Railway Catering and Tourism Corporation (IRCTC)। यह संस्था यात्रियों को सिर्फ खानपान और टिकट की सुविधा ही नहीं देती, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी देती है। हाल ही में IRCTC ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही की रिपोर्ट जारी की है, जो कि बेहद चौंकाने वाली है।
चौथी तिमाही में जबरदस्त मुनाफा
IRCTC ने जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में कुल 358 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में हुए 284 करोड़ रुपये के मुनाफे से काफी ज्यादा है। वहीं कंपनी की कुल आय 10% बढ़कर 1269 करोड़ रुपये हो गई है, जो पिछले साल इसी तिमाही में 1152 करोड़ रुपये थी।
“रेल नीर” से कमाई
अब बात करते हैं पानी की बोतल यानी “रेल नीर” की। इस बोतल की बिक्री से IRCTC ने चौथी तिमाही में 96 करोड़ रुपये की कमाई की। यह कमाई पिछले साल की तुलना में करीब 13 करोड़ रुपये ज्यादा है। यानि 15 रुपये की हर बोतल लाखों की संख्या में बिकती है और इससे कंपनी को जबरदस्त फायदा होता है।
केटरिंग सेवाओं से भी मोटी आमदनी
रेल यात्रा के दौरान मिलने वाला खाना, चाय और नाश्ता IRCTC के लिए दूसरा बड़ा कमाई का ज़रिया है। चौथी तिमाही में कंपनी ने केटरिंग सेवाओं से 529 करोड़ रुपये की आय दर्ज की। हालांकि यह पिछले तिमाही के मुकाबले थोड़ी कम है, लेकिन फिर भी एक बड़ी आमदनी है।
इंटरनेट टिकटिंग से भी खूब कमाई
आज के डिजिटल युग में ज्यादातर यात्री IRCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक करते हैं। इससे IRCTC को भी अच्छा-खासा फायदा होता है। चौथी तिमाही में इंटरनेट टिकटिंग से 372 करोड़ रुपये की आमदनी हुई, जो पिछली तिमाही से ज़्यादा है।
IRCTC अब सिर्फ टिकट बुकिंग या खानपान तक सीमित नहीं रह गया है। यह एक बहुआयामी कंपनी बन चुकी है जो यात्रियों की जरूरतों के साथ-साथ सरकार के लिए भी राजस्व का बड़ा स्रोत बन गई है। रेल नीर जैसी एक साधारण चीज़ भी IRCTC की होशियार व्यापार नीति का उदाहरण है, जिससे करोड़ों की कमाई हो रही है। कंपनी का मकसद न केवल मुनाफा कमाना है, बल्कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना और देश में रोजगार के अवसर पैदा करना भी है।