इजरायल-हमास युद्ध में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (2 दिसंबर) को हमास के खिलाफ कड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर 20 जनवरी 2025 तक गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए लोगों को रिहा नहीं किया गया, तो अमेरिका मध्य पूर्व में निर्णायक कदम उठाएगा। ट्रंप ने इस मुद्दे को अमेरिका की प्रतिष्ठा और मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए हमास को चेतावनी दी कि अगर बंधकों को जल्द रिहा नहीं किया गया, तो अपराधियों को इतिहास की सबसे कड़ी सजा दी जाएगी।
बंधकों की स्थिति और हमास की मांग
7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के दौरान 250 से अधिक लोग बंधक बना लिए गए थे। इनमें से 101 से अधिक विदेशी और इजरायली नागरिक अब भी हमास के कब्जे में हैं। हमास का दावा है कि इनमें से 33 बंधक मारे जा चुके हैं।
हमास की प्रमुख मांग है कि इजरायली सेना गाजा से पूरी तरह हट जाए और बंधकों के बदले फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाए। हालांकि, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मांग को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि जब तक हमास का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता, तब तक युद्ध जारी रहेगा।
गाजा में तबाही की स्थिति
इजरायल की लगातार बमबारी से गाजा पट्टी लगभग पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुकी है। अब तक 44,400 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि अधिकांश जनसंख्या विस्थापित हो गई है। गाजा के प्रमुख खलील अल-हय्या ने कहा है कि जब तक जंग खत्म नहीं होती, कैदियों की अदला-बदली संभव नहीं है।
डोनाल्ड ट्रंप का सख्त रुख
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद मध्य पूर्व को प्राथमिकता दी है। उनका बयान इस बात का संकेत देता है कि अमेरिका, हमास को लेकर कड़ा रुख अपनाएगा। ट्रंप ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताते हुए कहा कि अमेरिका इस मामले को हल्के में नहीं लेगा।
इजरायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि
7 अक्टूबर को हुए हमले के बाद से इजरायल ने गाजा पर व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया है। इजरायल का मुख्य उद्देश्य हमास को पूरी तरह खत्म करना है। इसके तहत गाजा पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। इजरायल का कहना है कि यह युद्ध तब तक जारी रहेगा, जब तक हमास के सभी ठिकाने तबाह नहीं हो जाते।
युद्ध का प्रभाव
युद्ध ने गाजा की सामान्य जनसंख्या को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों विस्थापित हो चुके हैं। मानवीय संगठनों ने गाजा की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल युद्धविराम की मांग की है।
इजरायल-हमास युद्ध ने वैश्विक स्तर पर शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। डोनाल्ड ट्रंप के बयान से संकेत मिलता है कि अमेरिका आने वाले दिनों में सख्त कदम उठा सकता है। इजरायल की ओर से हमास को खत्म करने की कोशिश और गाजा में बढ़ती मानवीय संकट ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी विभाजित कर दिया है।