
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए सैन्य हमलों के बीच, जम्मू-कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में हुए हमलों ने आम लोगों की ज़िंदगी को भी प्रभावित किया है। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की है और खास तौर पर उन हमलों की, जिनमें सिख समुदाय के निर्दोष लोग मारे गए।
जत्थेदार गड़गज्ज ने बताया कि भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान की ओर से पुंछ इलाके में की गई गोलाबारी में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा (केंद्री) को निशाना बनाया गया। इस हमले में तीन सिख श्रद्धालु – भाई अमरीक सिंह रागी, पूर्व फौजी भाई अमरजीत सिंह और स्थानीय दुकानदार भाई रंजीत सिंह की मौत हो गई। इसके अलावा, मानकोट इलाके में एक सिख महिला, रूबी कौर के भी मारे जाने की खबर सामने आई है। पुंछ में अन्य आम नागरिकों की भी जान गई है।
ज्ञानी गड़गज्ज ने इन सभी मृतकों की आत्मा की शांति और उनके परिवारों को यह ग़म सहन करने की शक्ति मिले, इसके लिए श्री अकाल तख्त साहिब से अरदास भी की। उन्होंने कहा कि धर्मस्थलों पर हमला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
जत्थेदार ने भारत और पाकिस्तान की सरकारों से अपील की कि वे तुरंत अमन-शांति बहाल करने की दिशा में गंभीर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि युद्ध का रास्ता कभी समाधान नहीं होता, बल्कि यह हमेशा निर्दोषों की जान लेकर मानवता का नुकसान करता है।
उन्होंने कहा कि 1947 से लेकर आज तक भारत और पाकिस्तान के आपसी संघर्षों में खासकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लोग – विशेष रूप से हिंदू और सिख समुदाय – को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। जत्थेदार गड़गज्ज ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से भी अपील की कि वे एक-दूसरे का सहारा बनें और गुरबाणी का आसरा लेकर हौसला बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि इस समय सभी को मिलकर अकाल पुरख के आगे अरदास करनी चाहिए कि इस क्षेत्र में हमेशा के लिए अमन-शांति बनी रहे। धर्म और इंसानियत की रक्षा के लिए जरूरी है कि लड़ाई की बजाय संवाद और सहयोग का रास्ता अपनाया जाए।
जत्थेदार गड़गज्ज का यह संदेश आज के कठिन दौर में न सिर्फ सिख समुदाय बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है, जो शांति और एकता की बात करता है।