सुखबीर सिंह बादल पर हमले को जथेदार हरप्रीत सिंह ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
तख्त श्री दमदमा साहिब के जथेदार ग्यानी हरप्रीत सिंह ने श्री दरबार साहिब के बाहर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले की घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद करार दिया। उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब सिखों का पवित्र और पूजनीय स्थल है। यहां आने वाला हर व्यक्ति गुरु के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना लेकर आता है। ऐसी पवित्र जगह पर इस तरह की घटना होना अत्यंत निंदनीय है।
तख्त के फैसलों की महत्ता पर जोर
ग्यानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब से एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला बिना किसी दबाव या भय के, केवल गुरु के भय और उनकी हाजिरी में लिया गया था। उन्होंने कहा, “हमने गुरु के समक्ष अरदास की थी कि जो भी निर्णय किया गया है, वह आपकी मर्जी से हुआ है। अगर कोई इस फैसले की सराहना करता है, तो वह गुरु की महिमा है। और यदि कोई इसका विरोध करता है, तो वह भी गुरु के दरबार का ही निर्णय है।”
साजिश और चुनौतियों पर टिप्पणी
जथेदार हरप्रीत सिंह ने कहा कि कुछ एजेंसियां और ताकतें ऐसी हैं, जिन्हें तख्त के फैसलों से कोई सरोकार नहीं है, बल्कि उनका असली दर्द सिखों की उस अवधारणा से है जो गुरु हरगोबिंद साहिब ने हमें दी है। उन्होंने कहा, “इस अवधारणा का विरोध करने वाली ताकतों को यह समझना चाहिए कि तख्त के फैसले गुरु के भय में किए जाते हैं और ऐसे फैसले अडिग रहते हैं। जो फैसले गुरु की मर्जी के खिलाफ होते हैं, वे और उन्हें लेने वाले दोनों टिक नहीं पाते।”
घटना की कड़ी निंदा
ग्यानी हरप्रीत सिंह ने श्री दरबार साहिब के पास हुई इस घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह गुरु के पवित्र स्थल के सम्मान के खिलाफ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह घटना उन ताकतों की साजिश को दिखाती है जो सिख समुदाय और उसके सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रही हैं।
जथेदार साहिब ने कहा कि सिख समुदाय का यह संकल्प हमेशा अडिग रहेगा। उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सुखबीर सिंह बादल पर हुआ हमला न केवल एक राजनीतिक घटना है, बल्कि यह सिख धर्म के पवित्र स्थलों की गरिमा के लिए भी चुनौती है। ऐसी घटनाओं के पीछे की साजिशों को समझने और उन्हें रोकने की आवश्यकता है।