
पंजाब के जलालपुर में आयोजित ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भावुक होते हुए कहा कि जो लोग नशा छोड़ चुके हैं, उन्होंने अपनी ज़िंदगी की सच्ची कहानियाँ सुनाईं, जो दिल को छू गईं। उन्होंने बताया कि इन कहानियों को सुनकर न केवल उनका बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का भी दिल भर आया और दोनों की आंखें नम हो गईं। कार्यक्रम में मौजूद कई लोगों की आंखों में आंसू थे।
केजरीवाल ने कहा कि यह नशे की लत कोई हाल की समस्या नहीं है, बल्कि यह उन पिछली सरकारों की देन है जिन्होंने पंजाब की जवानी और बच्चों का भविष्य अंधेरे में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि आज जो युवा नशा छोड़ कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं, वे असली हीरो हैं। ऐसे लोगों की कहानियाँ समाज को प्रेरित करने वाली हैं और इस मुहिम को ताकत देती हैं।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ मुहिम अब पूरे राज्य में जोर पकड़ रही है। नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, उनके ठिकानों पर छापेमारी हो रही है और कानून के तहत उन्हें सज़ा भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अब पूरे पंजाब में एक नई उम्मीद जगी है। लोग खुद आगे आकर कह रहे हैं कि वे अपने मोहल्ले, गांव और शहर को नशामुक्त बनाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस अभियान में जनता के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। नशे के खिलाफ लड़ाई में जो भी ज़रूरी संसाधन होंगे, वे सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने यह भरोसा दिलाया कि भगवंत मान सरकार पंजाब से नशे को पूरी तरह खत्म करने के लिए वचनबद्ध है और यह लड़ाई अब हर गांव और हर गली तक पहुँचेगी।
कार्यक्रम का माहौल बेहद भावनात्मक और प्रेरणादायक था। इस मौके पर नशा छोड़ चुके लोगों ने खुलकर अपनी ज़िंदगी के संघर्ष साझा किए और बाकी लोगों को प्रेरित किया कि वे भी इस लड़ाई में आगे आएं। कार्यक्रम का संदेश साफ था – अब पंजाब को नशा नहीं, एक नया उज्जवल भविष्य चाहिए।