दिल्ली सरकार ने मंगलवार को ‘पुजारी-ग्रंथी योजना’ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आईएसबीटी स्थित मरघट वाले बाबा के दर्शन कर इस योजना की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने खुद योजना के तहत पहला पंजीकरण कर उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस योजना का उद्देश्य राजधानी में धार्मिक स्थलों पर सेवा देने वाले पुजारियों, ग्रंथियों और अन्य धर्मगुरुओं को सम्मान और आर्थिक सहयोग प्रदान करना है। दिल्ली सरकार ने चुनाव से पहले इस योजना को लॉन्च कर धार्मिक समुदायों को सशक्त करने का प्रयास किया है।
कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल ने कहा, “धार्मिक स्थलों पर सेवा देने वाले पुजारी और ग्रंथी समाज की आध्यात्मिक नींव को मजबूत बनाते हैं। उन्हें उनकी सेवाओं के लिए उचित मान-सम्मान मिलना चाहिए। ‘पुजारी-ग्रंथी योजना’ इसी उद्देश्य से शुरू की गई है।”
योजना के तहत धार्मिक स्थलों पर कार्यरत पुजारियों और ग्रंथियों को एक निश्चित आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए सभी पात्र व्यक्ति पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया गया है।
दिल्ली सरकार का यह कदम धार्मिक समुदायों के साथ अपने संबंध मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने इसे समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। इस योजना का उद्देश्य न केवल धार्मिक सेवाओं को प्रोत्साहित करना है, बल्कि धार्मिक स्थलों पर कार्यरत लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना भी है।