
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब सरकार की नशा विरोधी मुहिम की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार आने वाली पीढ़ियों को नशे के खतरे से बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
पंजाब पुलिस की पीठ थपथपाई
केजरीवाल ने कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि पंजाब में नशे की सप्लाई की ‘रीढ़ की हड्डी’ तोड़ दी गई है। उन्होंने इसके लिए पंजाब पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस तरह से नशा विरोधी अभियान चलाया जा रहा है, वैसा उदाहरण पूरे देश के इतिहास में कम ही देखने को मिलता है।
उन्होंने कहा कि नशे के कारोबार से जो संपत्तियां बनाई गई थीं, उन्हें बुलडोजर चला कर तोड़ा गया, जिससे साफ संदेश गया है कि अब कोई भी नशा बेचने वाला बख्शा नहीं जाएगा।
पिछली सरकारों पर गंभीर आरोप
केजरीवाल ने बिना नाम लिए पंजाब की पिछली सरकारों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने न सिर्फ नशा बेचने वालों को संरक्षण दिया, बल्कि खुद उनकी गाड़ियों से यह गैरकानूनी धंधा चलाया गया। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार ने नशे के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और अब नशे के सौदागर डर में हैं।
3 करोड़ पंजाबियों से एकजुट होने की अपील
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर 3 करोड़ पंजाबवासी नशे के खिलाफ एकजुट हो जाएं, तो यह समस्या 24 घंटे के अंदर खत्म हो सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि नशे के खिलाफ सरकार के साथ मिलकर काम करें और अपने बच्चों को इस जहर से बचाएं।
नशा मुक्त हो रहे हैं गांव
केजरीवाल ने कहा कि पहले जिन गांवों को नशे का अड्डा माना जाता था, आज वे धीरे-धीरे नशा-मुक्त हो रहे हैं। यह बदलाव सरकार, पुलिस और आम जनता के मिलजुल कर काम करने से संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक लड़ाई है, जिसे मिलकर जीतना होगा।
10 हजार से ज्यादा नशा तस्कर गिरफ्तार
केजरीवाल ने बताया कि पंजाब सरकार अब तक 10 हजार से ज्यादा नशा तस्करों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से 8500 बड़े स्तर के अपराधी हैं। यह आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार की मंशा साफ है—अब पंजाब को नशे से आज़ाद कराना है।
“ये सिर्फ एक शुरुआत है”
आखिर में केजरीवाल ने कहा कि यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। यह सिर्फ शुरुआत है और सरकार तब तक नहीं रुकेगी जब तक पंजाब पूरी तरह नशा-मुक्त नहीं हो जाता।
पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही यह मुहिम अब एक आंदोलन बन चुकी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी की सरकार इसे लेकर बेहद गंभीर है। अगर जनता का साथ मिला, तो पंजाब को नशा-मुक्त बनाना कोई मुश्किल काम नहीं।