पंजाब से हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जिसने लोगों को चौंका दिया है। गुरदासपुर जिले के ट्रैवल एजेंट बिक्रमजीत सिंह ने खुद अपनी ट्रैवल एजेंसी का लाइसेंस वापस करने की मांग की थी, जिसके बाद प्रशासन ने इसे रद्द कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पंजाब सरकार द्वारा 2012 में लागू किया गया ‘पंजाब मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम’ और इसके तहत बने ‘पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन 2013’ के तहत ट्रैवल एजेंटों को सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी होता है।
बिक्रमजीत सिंह, जो गुरदासपुर जिले के मथोला गांव के रहने वाले हैं, को फरवरी 2019 में लाइसेंस नंबर 128/Sum/Act-M.A.-3 जारी किया गया था। यह लाइसेंस गुरु ट्रेड टेस्ट एंड ट्रेनिंग सेंटर, हरचोवाल, बटाला के नाम पर 21 फरवरी 2024 तक वैध था।
लाइसेंस रद्द करने की वजह क्या है?
डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सुपरिंटेंडेंट विजय कुमार ने बताया कि बिक्रमजीत सिंह ने खुद एक लिखित अर्जी दी थी कि वे अपना लाइसेंस रिन्यू नहीं करवाना चाहते और इसे वापस करना चाहते हैं।
उनकी इस मांग को स्वीकार करते हुए, गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर ने पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट के तहत नियम 8(1) के अनुसार उनका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।
लाइसेंस रद्द होने के बाद क्या होगा?
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर इस ट्रैवल एजेंसी से जुड़ी कोई शिकायत या विवाद सामने आता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी बिक्रमजीत सिंह की होगी।
क्यों जरूरी है ट्रैवल एजेंटों का लाइसेंस?
पंजाब में मानव तस्करी और अवैध इमीग्रेशन को रोकने के लिए सरकार ने ट्रैवल एजेंटों को लाइसेंस देने का कानून बनाया है। यह कानून उन फर्जी एजेंटों पर शिकंजा कसने के लिए लागू किया गया था, जो लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगते हैं।
क्या इस मामले में कोई घोटाला हुआ है?
फिलहाल, इस मामले में कोई ठगी या धोखाधड़ी की बात सामने नहीं आई है। बिक्रमजीत सिंह ने स्वेच्छा से अपना लाइसेंस सरेंडर किया है। हालांकि, प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर कोई शिकायत मिलती है तो वे इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
लोगों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
- विदेश जाने के लिए हमेशा रजिस्टर्ड ट्रैवल एजेंट से ही संपर्क करें।
- किसी भी एजेंट को पैसे देने से पहले उसकी लाइसेंस वैधता की जांच करें।
- अगर किसी एजेंट पर शक हो तो तुरंत प्रशासन को शिकायत करें।
यह मामला पंजाब में ट्रैवल एजेंटों की गतिविधियों को लेकर प्रशासन की सख्ती को दर्शाता है। इससे यह भी साबित होता है कि अब बिना लाइसेंस के एजेंटों को काम करने की छूट नहीं दी जाएगी और सरकार ऐसे मामलों पर कड़ी नजर बनाए हुए है।