एसएएस नगर प्रशासन ने अवैध खनन पर कड़ा रुख अपनाया, एफआईआर दर्ज करने का आदेश
एसएएस नगर (मोहाली) जिले में अवैध खनन गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने मियांपुर चंगर क्षेत्र में एक अवैध खनन साइट पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। उपायुक्त (डीसी) श्रीमती आशिका जैन ने स्पष्ट किया कि जिले में अवैध खनन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी इस गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कैसे हुई इस अवैध खनन की जांच?
डीसी को मियांपुर चंगर क्षेत्र में अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद, एसडीएम खरड़ गुरमंदर सिंह, नायब तहसीलदार माजरी राघवित सिंह, और खनन एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों की एक टीम को मौके पर भेजा गया। इस टीम में कार्यकारी अभियंता आकाश अग्रवाल और एसडीओ प्रदीप कुमार भी शामिल थे।
जांच टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और पाया कि वहां अवैध रूप से खनन किया जा रहा था। साइट पर रेत, बजरी और मिट्टी के खनन के निशान मिले, जो कि पूरी तरह अवैध थे। इसके बाद कार्यकारी अभियंता ने एक आधिकारिक रिपोर्ट तैयार की और जिला पुलिस को एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की।
अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के आदेश
उपायुक्त आशिका जैन ने साफ तौर पर कहा कि कोई भी व्यक्ति या संगठन, जो अवैध खनन में लिप्त पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि:
जिले में केवल वैध और सरकारी स्वीकृत साइटों से ही खनन की अनुमति होगी।
सूर्यास्त के बाद किसी भी तरह की खनन गतिविधि पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी, ताकि अवैध खनन की निगरानी की जा सके।
अवैध खनन को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी, ताकि ऐसी गतिविधियों को समय रहते रोका जा सके।
खनन गतिविधियों पर प्रशासन की सख्ती क्यों जरूरी है?
अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान होता है। इससे:
1. नदियों और जल स्रोतों का संतुलन बिगड़ता है, जिससे पानी की उपलब्धता कम हो जाती है।
2. भूस्खलन और भूमि कटाव जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।
3. वन्यजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचता है, जिससे जैव विविधता खतरे में पड़ जाती है।
4. सरकार को रेत, बजरी और खनिज पदार्थों पर लगने वाले टैक्स का भारी नुकसान होता है, जिससे राजस्व की हानि होती है।
अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन की रणनीति
जिला प्रशासन ने अवैध खनन को रोकने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं:
कानूनी साइटों से ही खनन की अनुमति दी जाएगी।
हर खनन साइट का नियमित निरीक्षण किया जाएगा ताकि अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि अवैध खनन को रिकॉर्ड किया जा सके।
अवैध खनन की जानकारी देने वालों को पुरस्कृत करने की योजना बनाई जा सकती है, जिससे आम लोग भी प्रशासन का सहयोग कर सकें।
क्या अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लग पाएगी?
अगर प्रशासन इसी तरह सख्ती से कार्रवाई करता रहा और आम जनता भी इसमें सहयोग देती रही, तो निश्चित रूप से अवैध खनन पर रोक लगाई जा सकती है। सख्त कानून, आधुनिक तकनीकों से निगरानी और जागरूकता अभियान अवैध खनन को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
निष्कर्ष
एसएएस नगर प्रशासन की यह कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अवैध खनन न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह प्राकृतिक संसाधनों की लूट और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाने वाला अपराध भी है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब कोई भी अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम भविष्य में खनन गतिविधियों को नियंत्रित करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण मिसाल बनेगा।