
पंजाब सरकार ने प्रदेश की जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाली फार्मा कंपनी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने गुरुवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश के सोलन की दवा निर्माता कंपनी कैपटैब बायोटेक द्वारा घटिया गुणवत्ता वाली नॉर्मल सलाइन (IV फ्लूइड) सप्लाई किए जाने के आरोप में कंपनी पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं।
3 साल तक टेंडर में हिस्सा लेने पर रोक
चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि इस कंपनी को अब पंजाब सरकार के किसी भी टेंडर में अगले तीन साल तक भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही पंजाब हेल्थ सिस्टम्स कॉरपोरेशन (PHSC) द्वारा इस कंपनी से संबंधित 11 अन्य दवाओं के सभी कॉन्ट्रैक्ट तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं।
सिक्योरिटी राशि जब्त, भुगतान रोका गया
सरकार ने कंपनी की 3.30 लाख रुपये की परफॉर्मेंस सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली है और बाकी सभी लंबित भुगतानों पर भी रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह कार्रवाई अमृतसर और संगरूर के सरकारी अस्पतालों में कैपटैब बायोटेक द्वारा सप्लाई की गई सलाइन के इस्तेमाल से मरीजों में गंभीर दुष्प्रभाव (ADR) सामने आने के बाद की गई है।
सलाइन का स्टॉक जब्त और वापसी के आदेश
PHSC और डीएचएस पंजाब ने जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उक्त नॉर्मल सलाइन का सारा स्टॉक फ्रीज कर दिया है और सप्लाई की गई दवाओं को कंपनी के खर्च पर वापस मंगवाने के आदेश दिए गए हैं। कंपनी ने बचा हुआ सारा स्टॉक वापस मंगवा भी लिया है।
कंपनी की उत्पादन यूनिट पर रोक
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) को मामला सौंपने के बाद, संस्था ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कंपनी की पूरी उत्पादन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
लैब की भूमिका की जांच
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि कंपनी के दवाओं के जिन तीन लैब्स ने पहले इन्हें “मानक” घोषित किया था और बाद में इन्हें “गैर-मानक” पाया गया, उन लैब्स की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। इसके लिए FDA पंजाब और CDSCO की संयुक्त टीम ने नॉर्मल सलाइन के नमूने लिए हैं।
पंजाब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता की सेहत से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। घटिया दवाइयों की सप्लाई करने वाले कंपनियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। इस पूरी कार्रवाई से यह संदेश गया है कि स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में पंजाब सरकार पूरी सख्ती बरतेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।