नीतीश कुमार सरकार ने शनिवार को बिहार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल किया है। इस बदलाव के तहत 62 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह कदम प्रशासनिक दक्षता और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस फेरबदल में तीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) स्तर के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
पटना के एसएसपी बदले
पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा, जिन्हें हाल ही में डीआईजी पद पर पदोन्नति दी गई थी, अब आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के डीआईजी के रूप में नई जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी जगह पर सीआईडी के एसपी अवकाश कुमार को पटना का नया एसएसपी नियुक्त किया गया है।
एडीजी स्तर पर फेरबदल
गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन, जो मुख्यालय में एडीजी पद पर तैनात थे, अब स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे। एसटीएफ के एडीजी (ऑपरेशंस) अमृत राज को एडीजी (सिक्योरिटीज) का पद सौंपा गया है।
महत्वपूर्ण आईजी स्तर के बदलाव
पूर्णिया रेंज के आईजी राकेश राठी को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) का आईजी बनाया गया है। मिथिला क्षेत्र के आईजी राकेश कुमार को बिहार मानवाधिकार आयोग भेजा गया है। वहीं, अपराध जांच इकाई (सीआईयू) के आईजी पी. कन्नन को रेलवे का आईजी नियुक्त किया गया है।
एसपी स्तर पर फेरबदल
राज्य सरकार ने कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) का भी तबादला किया है।
- कैमूर के एसपी ललित मोहन शर्मा को वैशाली का एसपी बनाया गया है।
- अररिया के एसपी अमित रंजन को सीतामढ़ी भेजा गया है।
- पटना (पूर्व) के एसपी शुभंक मिश्रा को भागलपुर का एसपी नियुक्त किया गया है।
कानून-व्यवस्था सुधारने का प्रयास
सरकार ने इन तबादलों का मुख्य उद्देश्य कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाना और प्रशासनिक क्षमता को बढ़ावा देना बताया है। गृह विभाग ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द अपने नए पदभार को संभालें।
विशेषज्ञों का नजरिया
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बड़े पैमाने पर फेरबदल का उद्देश्य पुलिस विभाग में निष्पक्षता और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, यह कदम विभिन्न जिलों में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और प्रशासनिक चुनौतियों से निपटने के लिए भी उठाया गया है।
नीतीश सरकार द्वारा किए गए इन तबादलों से बिहार पुलिस में नए सिरे से ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। यह कदम कानून-व्यवस्था को सुधारने और प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा। अधिकारियों के नई जिम्मेदारियां संभालने के बाद इन बदलावों के प्रभाव को आंका जा सकेगा।