फरवरी 2024 में संसद द्वारा पारित एंटी पेपर लीक कानून राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मंजूर किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद, पेपर लीक के दोषियों के लिए तीन से दस साल की कैद और 10 लाख से एक करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
केंद्रीय सरकार ने पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। इस कानून को लेकर सरकार ने शुक्रवार देर रात एक अधिसूचना जारी की। इस कानून का नाम पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट 2024 यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 रखा गया है। यह कानून फरवरी 2024 में संसद द्वारा पारित किया गया था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मंजूर किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद, पेपर लीक के दोषियों के लिए तीन से दस साल की कैद और 10 लाख से एक करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान है। यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और एनटीए द्वारा आयोजित सभी परीक्षाएं इस कानून के दायरे में आएंगी।
नेट और नीट परीक्षा में धांधली का मामला सामने आने के बाद देश में काफी हंगामा मच गया है। ऐसे में एनटीए ने सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा को भी स्थगित कर दिया है। एनटीए का कहना है कि यह कदम संसाधनों की कमी के कारण उठाया गया है। यह परीक्षा 25 जून से 27 जून के बीच आयोजित होनी थी। अगली तिथि की घोषणा एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट पर की जाएगी।
झारखंड के हजारीबाग से पेपर लीक का संदेह
गुजरात और बिहार के बाद अब नीट पेपर लीक के तार झारखंड से जुड़ते नजर आ रहे हैं। पटना में बरामद नीट पेपर की जली हुई बुकलेट्स के हजारीबाग सेंटर से लीक होने का संदेह है। ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) ने जली हुई बुकलेट्स का मिलान करने के लिए एनटीए से मूल प्रश्न पत्र की मांग की है।
अब यदि गिरोह पकड़ा गया, तो 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा
यदि कोई व्यक्ति या समूह योजनाबद्ध तरीके से पेपर लीक करता है, तो 5-10 साल की सजा और कम से कम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। यदि कोई संस्था पेपर लीक में शामिल होती है, तो उसकी संपत्ति नष्ट करने और परीक्षा की पूरी लागत उसी संस्था से वसूलने का नियम है। इस कानून के तहत आरोपियों को जमानत का भी कोई प्रावधान नहीं है। डीएसपी या सहायक आयुक्त से निम्न पद का कोई भी अधिकारी इस कानून के तहत जांच नहीं कर सकता।