
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह न सिर्फ देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, बल्कि कमाई के मामले में भी नंबर वन है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की जनवरी से मार्च यानी चौथी तिमाही में एलआईसी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 19,013 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। यह पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 38% ज्यादा है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में एलआईसी का लाभ 13,763 करोड़ रुपये था।
एलआईसी का यह प्रदर्शन इसे देश की सभी सरकारी कंपनियों (Public Sector Undertakings – PSUs) में सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाली कंपनी बना देता है। बीमा क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) दूसरे नंबर पर रहा, जिसने इसी तिमाही में 18,463 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
सालाना मुनाफे में SBI आगे
हालांकि, अगर पूरे वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक के सालाना लाभ की बात करें, तो SBI ने एलआईसी को पीछे छोड़ दिया। स्टेट बैंक ने पूरे साल में 70,901 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि एलआईसी का सालाना लाभ 48,151 करोड़ रुपये रहा।
इसका मतलब है कि जहां तिमाही के हिसाब से एलआईसी आगे है, वहीं पूरे साल के आंकड़े देखें तो SBI सबसे मुनाफेदार सरकारी कंपनी बनी हुई है।
क्यों है ये खबर खास?
इस खबर के मायने इसलिए भी बड़े हैं क्योंकि दोनों ही कंपनियां देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं। एलआईसी करोड़ों भारतीयों की बीमा जरूरतों को पूरा करती है, जबकि एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है। इन दोनों का अच्छा प्रदर्शन यह संकेत देता है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
इसके अलावा, एलआईसी जैसे संस्थान का इतनी बड़ी कमाई करना आम निवेशकों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि एलआईसी की पॉलिसियों में लाखों लोगों ने निवेश किया हुआ है।
आगे की राह
एलआईसी और एसबीआई दोनों ही कंपनियों ने कहा है कि वे आने वाले समय में डिजिटल सेवाओं पर ज्यादा ध्यान देंगी और ग्राहकों को और बेहतर सुविधा देने की दिशा में काम करेंगी।
इस खबर से साफ है कि भारत की सरकारी कंपनियां अब सिर्फ पुरानी छवि तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे मजबूत लाभ कमाने वाली, आधुनिक और प्रतिस्पर्धात्मक कंपनियां बन चुकी हैं।जहां एक तरफ एलआईसी ने तिमाही में रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज कर इतिहास रच दिया, वहीं SBI ने सालाना कमाई में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी है। इससे यह भी जाहिर होता है कि भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां आज भी देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रही हैं।