
सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, चीन और थाईलैंड जैसे एशियाई देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसका असर अब भारत में भी दिखने लगा है। हालांकि हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय और डॉक्टरों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।
भारत में क्या है स्थिति?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में 257 सक्रिय कोविड मामले हैं। इनमें से 164 नए मरीज हाल ही में सामने आए हैं। खास बात यह है कि अधिकांश मामलों में लक्षण बहुत हल्के हैं, लेकिन बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
कहां-कहां बढ़ रहे हैं मामले?
भारत के कई राज्यों में कोरोना के नए मामले सामने आए हैं:
महाराष्ट्र: 26 नए केस
गुजरात: 15 नए केस (13 अहमदाबाद से)
हरियाणा: गुरुग्राम में 2 और फरीदाबाद में 1 मामला
केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और उड़ीसा में भी कुछ नए केस सामने आए हैं
हरियाणा के गुरुग्राम में एक महिला जो हाल ही में मुंबई से लौटी थी और एक 62 वर्षीय पुरुष (जिसकी कोई यात्रा इतिहास नहीं है), संक्रमित पाए गए हैं। दोनों को होम आइसोलेशन में रखा गया है।
स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल जो वेरिएंट सामने आ रहा है, JN.1, वह कम गंभीर है। अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही, और वे घर पर ही ठीक हो रहे हैं।
गुजरात की वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नीलम पटेल ने बताया कि “कोरोना के ये केस विदेश यात्रा या बाहर से आए लोगों के संपर्क में आने के कारण सामने आए हैं। हालांकि इन मरीजों की हालत सामान्य है।”
उत्तराखंड सरकार अलर्ट पर
उत्तराखंड में प्रशासन ने संभावित खतरे को देखते हुए अस्पतालों में बेड आरक्षित करने और सभी सरकारी व निजी अस्पतालों, लैब्स और मेडिकल कॉलेजों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। इन्फ्लुएंजा या सार्स जैसे लक्षणों वाले हर मरीज की कोविड जांच अनिवार्य कर दी गई है।
क्या करें आम लोग?
स्वास्थ्य मंत्रालय और डॉक्टरों ने निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
बुखार, खांसी या जुकाम जैसे लक्षणों पर तुरंत टेस्ट करवाएं।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
सामाजिक दूरी बनाए रखें।
हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
जरूरत न हो तो सभी सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें, खासकर बुजुर्ग और बच्चों के साथ।
भारत में फिलहाल कोविड की स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन सावधानी ज़रूरी है। दुनिया के कई देशों में मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में भारत को भी सतर्क रहना होगा। अच्छी बात यह है कि अभी तक सामने आए वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं हैं, लेकिन सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।