
लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर 19 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में पार्टी के प्रमुख चेहरे अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नाम शामिल हैं।
दिलचस्प बात यह है कि कुछ महीने पहले ही ‘आप’ में शामिल हुईं पंजाबी अभिनेत्री सोनिया मान को भी स्टार प्रचारकों में जगह दी गई है। इसके अलावा दिल्ली की नेता आतिशी, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह, ‘आप’ पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा, और अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी लिस्ट में शामिल हैं।
पार्टी ने यह तय किया है कि पंजाब के सभी मंत्रियों और लुधियाना के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को भी प्रचार में शामिल किया जाएगा, जिससे पूरे ज़ोर-शोर से प्रचार किया जा सके।
क्यों हो रहा है उपचुनाव?
लुधियाना पश्चिम सीट पर यह उपचुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि यहां से ‘आप’ के विधायक गुरप्रीत गोगी का करीब 4 महीने पहले निधन हो गया था। बताया गया कि उनकी मौत गोली लगने से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि गोली उनके सिर के दाईं ओर लगी और आर-पार निकल गई। उनका अंतिम संस्कार लुधियाना के केवीएम स्कूल के पास श्मशान घाट में किया गया था।
कौन हैं AAP के उम्मीदवार?
आम आदमी पार्टी ने इस उपचुनाव के लिए संजीव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है। संजीव अरोड़ा एक जाने-माने उद्योगपति और राज्यसभा सांसद हैं। लुधियाना शहर में वे अपने सामाजिक कार्यों, विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं और समाज सेवा के लिए पहचाने जाते हैं।
पार्टी का मानना है कि संजीव अरोड़ा जैसे प्रतिष्ठित चेहरे को मैदान में उतारकर वे व्यापारी और सामाजिक तबके का समर्थन हासिल कर पाएंगे।
AAP की रणनीति
पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी होने के नाते, आम आदमी पार्टी इस सीट को हर हाल में बरकरार रखना चाहती है। पार्टी की रणनीति मुख्य रूप से मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने पर केंद्रित है। जैसे:
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300 यूनिट तक मुफ्त बिजली
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मोहल्ला क्लिनिक और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
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सरकारी स्कूलों में सुधार
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भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम
पार्टी प्रचार के ज़रिए जनता को यह दिखाना चाहती है कि ‘आप’ सरकार आम लोगों की भलाई के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है।
इस तरह लुधियाना पश्चिम का यह उपचुनाव आम आदमी पार्टी के लिए एक परीक्षा की तरह है, जिसमें वह अपनी सरकार के कामों के दम पर जनता का समर्थन फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है।