
पंजाब की राजनीति एक बार फिर गर्माने वाली है, क्योंकि लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 19 जून 2025 को होगा। मतगणना 23 जून को की जाएगी। यह सीट आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के कारण खाली हुई थी।
इस चुनाव की तारीखों का ऐलान भारत निर्वाचन आयोग ने 26 मई को कर दिया है। नामांकन प्रक्रिया 26 मई से शुरू हो चुकी है और उम्मीदवार 2 जून तक अपने पर्चे दाखिल कर सकते हैं। 3 जून को नामांकन की जांच होगी और 5 जून तक नाम वापस लेने की अनुमति होगी।
—
कौन-कौन हैं मैदान में?
जैसे ही चुनाव की तारीखों की घोषणा हुई, राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज़ कर दी है।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने सबसे पहले अपने उम्मीदवार की घोषणा करते हुए राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस ने अपने पुराने और अनुभवी नेता, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को टिकट दिया है।
शिरोमणि अकाली दल ने परुपकार सिंह घुम्मन पर दांव लगाया है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब तक अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि वह जल्द ही नाम की घोषणा करेगी।
—
क्या AAP बचा पाएगी अपनी सीट?
आप पार्टी के लिए यह उपचुनाव आसान नहीं है। भले ही यह सीट पहले आप के पास थी, लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी का प्रदर्शन लुधियाना में कमजोर रहा। आप के उम्मीदवार अशोक पराशर उर्फ पप्पी, लुधियाना लोकसभा सीट पर तीसरे स्थान पर रहे।
इस सीट से कांग्रेस के नेता अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने बीजेपी के रवनीत सिंह बिट्टू को हराया था, जिससे कांग्रेस का मनोबल काफी बढ़ा है। वहीं, दिल्ली में मिली हार के बाद AAP के लिए पंजाब में खुद को साबित करना अब ज़रूरी हो गया है।
—
राजनीति की रणनीति
चुनाव की तारीख नज़दीक आते ही सभी पार्टियों ने घर-घर प्रचार, नुक्कड़ सभाएं और सोशल मीडिया प्रचार तेज़ कर दिए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में पंजाब का दौरा कर चुनाव अभियान की शुरुआत की थी।
AAP को उम्मीद है कि लोग उनके पिछले कामों को देखकर उन्हें एक बार फिर मौका देंगे, लेकिन विपक्ष इसे सरकार की कमियों और वादाखिलाफी का चुनाव बनाने की कोशिश में लगा है।
—
क्या कहते हैं स्थानीय मतदाता?
लुधियाना पश्चिम के लोग इस बार सोच-समझकर वोट देने की बात कह रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि स्थानीय विकास और बुनियादी सुविधाएं ही असली मुद्दे हैं, जबकि कुछ मतदाता पार्टी से ज़्यादा उम्मीदवार के व्यक्तित्व और काम को अहमियत दे रहे हैं।
—
19 जून का उपचुनाव लुधियाना पश्चिम की राजनीति के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। क्या आम आदमी पार्टी अपनी सीट बरकरार रख पाएगी, या कांग्रेस और अकाली दल कोई नया समीकरण बना पाएंगे — इसका जवाब अब जनता के हाथ में है। सभी की निगाहें इस सीट पर टिकी हैं, क्योंकि इसका असर पूरे पंजाब की सियासी दिशा पर पड़ सकता है।