उत्तर प्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज में आज से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो गई। 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पहुंचे और पवित्र डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त किया। महाकुंभ का यह आयोजन 45 दिनों तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु इस धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दी शुभकामनाएं
महाकुंभ के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट के माध्यम से इस धार्मिक उत्सव के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने लिखा, “महाकुंभ 2025 प्रयागराज में शुरू हो रहा है, जो आस्था, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम में अनगिनत लोगों को एक साथ लाएगा। महाकुंभ भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है और आस्था और सद्भाव का उत्सव मनाता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धालुओं के इस विशाल समुदाय को देखकर खुशी व्यक्त की और सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा, “प्रयागराज में अनगिनत लोगों की चहल-पहल देखकर बहुत खुशी हो रही है, जो पवित्र स्नान कर रहे हैं और आशीर्वाद ले रहे हैं।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ 2025 के शुभारंभ पर पौष पूर्णिमा की बधाई दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम महाकुंभ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए आस्था और आधुनिकता के संगम में साधना और पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। मां गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें।”
महाकुंभ 2025 के प्रमुख स्नान तिथियां
महाकुंभ में पवित्र स्नान का विशेष महत्व होता है, और विभिन्न तिथियों पर विशेष अमृत स्नान आयोजित किया जाता है। इन प्रमुख तिथियों पर स्नान करने से श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस बार महाकुंभ में कुछ महत्वपूर्ण स्नान तिथियां निम्नलिखित हैं:
- 13 जनवरी (सोमवार): स्नान, पौष पूर्णिमा
- 14 जनवरी (मंगलवार): अमृत स्नान, मकर संक्रांति
- 29 जनवरी (बुधवार): अमृत स्नान, मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी (सोमवार): अमृत स्नान, बसंत पंचमी
- 12 फरवरी (बुधवार): स्नान, माघी पूर्णिमा
- 26 फरवरी (बुधवार): स्नान, महाशिवरात्रि
इन तिथियों पर श्रद्धालु विशेष रूप से संगम में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं, क्योंकि इन दिनों को अमृत स्नान माना जाता है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
महाकुंभ 2025 के पहले दिन ही त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। सभी श्रद्धालु धार्मिक भावना और आस्था के साथ संगम में डुबकी लगा रहे हैं। इस महाकुंभ के आयोजन में लाखों लोग हर दिन शामिल होंगे और पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। यह आयोजन तीन पवित्र नदियों, गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम पर होता है। महाकुंभ का उद्देश्य न केवल आध्यात्मिक उन्नति है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्थाओं को भी संजोने का एक अवसर है। इस विशाल आयोजन में विश्वभर से श्रद्धालु आते हैं, और यह भारत के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन चुका है।
इस महाकुंभ के दौरान दुनिया भर से लोग आकर पवित्र स्नान करते हैं, अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने की उम्मीद में, और इसके साथ ही भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं से जुड़ते हैं।
महाकुंभ 2025 के शुभारंभ के साथ, श्रद्धालु इस पवित्र अवसर का लाभ उठा रहे हैं और इस महाकुंभ में आस्था की गहरी भावना को महसूस कर रहे हैं।