महाराष्ट्र में आगामी 20 नवंबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं, और इसके मद्देनजर राजनीतिक गर्मी चरम पर है। सत्ता में काबिज महायूति गठबंधन और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पक्षों के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप किए हैं। शिवसेना शिंदे गुट की प्रमुख नेता और मुंबादेवी सीट से उम्मीदवार शाइना एनसी ने विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी को ‘महा विनाश अघाड़ी’ करार दिया, जिससे चुनावी माहौल और गर्म हो गया है।
शाइना एनसी का महाविकास अघाड़ी पर हमला
शिवसेना शिंदे गुट की प्रत्याशी शाइना एनसी ने महाविकास अघाड़ी पर तीखा हमला करते हुए उन्हें ‘महा विनाश अघाड़ी’ का नाम दिया। उनका कहना था कि महाविकास अघाड़ी सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि उनके कार्यकाल में विकास की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। शाइना एनसी ने विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि “जब लाडली बहन योजना के तहत ढाई करोड़ महिलाओं को साढ़े सात हजार रुपये मिल रहे थे, तब उन्होंने इसे रद्द करने की बात की थी। अब वही लोग चुनावी दौर में जनता से दोगुना लाभ देने के वादे कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को आभार जताया
शाइना एनसी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का आभार जताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में उन्हें एक नया अवसर मिला है। उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे ने हमें एक नई दिशा दी है, और हम सबको यह संकल्प दिलाया है कि हम मुंबई के विकास और प्रगति की राजनीति करेंगे।” उन्होंने पिछले 15 वर्षों के दौरान क्षेत्र में विकास कार्यों की कमी की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब लोगों को एक नई नेता चुनने का मौका मिला है जो विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। शाइना ने यह भी कहा कि वह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास’ के सिद्धांत पर काम करने का संकल्प रखती हैं।
महाविकास अघाड़ी बनाम महायूति: चुनावी जंग में आरोप-प्रत्यारोप का दौर
महाविकास अघाड़ी, जिसमें शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), कांग्रेस और एनसीपी शामिल हैं, और महायूति गठबंधन जिसमें बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और आरपीआई जैसे दल शामिल हैं, दोनों ही पक्षों के नेताओं ने एक-दूसरे पर निशाना साधा है। चुनावी प्रचार के दौरान नेताओं द्वारा विकास, जनता के हित, और महिलाओं के कल्याण के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। महायूति गठबंधन की ओर से दावा किया जा रहा है कि उन्होंने राज्य में विकास के लिए कई योजनाओं को लागू किया है, जबकि महाविकास अघाड़ी पर केवल सत्ता के लिए राजनीति करने का आरोप लगाया गया है।
महाविकास अघाड़ी का पलटवार
महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने शाइना एनसी के बयान का विरोध करते हुए इसे जनता को भटकाने का प्रयास करार दिया है। उनका कहना है कि महायूति सरकार ने जनता के लिए कोई ठोस काम नहीं किया है और चुनावी सीजन में केवल वादों का पुलिंदा बांधा जा रहा है। महाविकास अघाड़ी का दावा है कि उनके कार्यकाल में जनहित के कई कार्य किए गए हैं, और जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लागू की गईं। उनका यह भी कहना है कि महायूति केवल विकास के नाम पर राजनीति कर रही है, जबकि असल में वे आम लोगों की परेशानियों को नज़रअंदाज़ कर रही है।
लाडली बहन योजना पर विवाद
चुनावी माहौल में लाडली बहन योजना का मुद्दा भी खूब गरमाया हुआ है। शाइना एनसी ने महाविकास अघाड़ी पर आरोप लगाया कि जब उनके कार्यकाल में इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता मिल रही थी, तो उन्होंने इसे रद्द करने की बात कही थी। वहीं अब, चुनाव के समय वही लोग दोगुना लाभ देने का वादा कर रहे हैं। शाइना का कहना है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस योजना को लागू कर महिलाओं के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी ने केवल इसका विरोध किया है।
शाइना एनसी पर अरविंद सावंत की टिप्पणी से विवाद
चुनावी माहौल में शाइना एनसी के प्रति सांसद अरविंद सावंत की टिप्पणी से एक अलग विवाद खड़ा हो गया है। इस पर शाइना एनसी ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे विरोधियों की राजनीति करार दिया और मुख्यमंत्री शिंदे का आभार जताया, जिन्होंने उन्हें एक नई जिम्मेदारी देकर क्षेत्र में विकास की नई दिशा प्रदान की है।
महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव में महायूति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधा मुकाबला है। एक ओर महायूति गठबंधन अपने विकास कार्यों और योजनाओं के आधार पर जनता का समर्थन जुटाने की कोशिश में है, तो वहीं दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी अपनी पिछली उपलब्धियों का हवाला देते हुए खुद को बेहतर विकल्प साबित करने में जुटी है। शाइना एनसी के बयान ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बार किसे सत्ता की कुर्सी सौंपती है और किसके वादे उसे भरोसेमंद लगते हैं।