महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, और इसी कड़ी में आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा का घोषणापत्र जारी किया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के राज्य अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। इस घोषणापत्र में भाजपा ने अपनी प्राथमिकताओं को साझा किया, जो विकास और महाराष्ट्र की जनता की उम्मीदों पर आधारित हैं।
मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर अमित शाह का बयान
घोषणापत्र जारी करने के दौरान अमित शाह से सवाल पूछा गया कि महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन (भाजपा, शिंदे गुट और अन्य) के मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा। इस पर अमित शाह ने हंसते हुए जवाब दिया, “अभी महाराष्ट्र में महायुति सरकार का नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। वह वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद तीनों पार्टियां मिलकर इस पर निर्णय लेंगी, लेकिन हम शरद पवार जी को कोई मौका नहीं देंगे।” उनके इस बयान से साफ संकेत मिलता है कि भाजपा शिंदे को मुख्यमंत्री पद पर बनाए रखने की इच्छा रखती है, परंतु अंतिम निर्णय गठबंधन के नेताओं के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा।
उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
अमित शाह ने अपने भाषण में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “मैं उद्धव ठाकरे जी से पूछना चाहता हूं कि क्या वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी से वीर सावरकर के लिए दो शब्द बोलने का आग्रह कर सकते हैं? क्या कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे जी के सम्मान में कुछ कह सकता है?” शाह का यह बयान शिवसेना और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर था, जहां उन्होंने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया कि उनकी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की नीति बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता को यह जानना चाहिए कि उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी ने विचारधाराओं का समझौता करके सत्ता की लालसा में तुष्टिकरण का रास्ता अपनाया है।
अमित शाह ने भाजपा की प्रतिबद्धता पर दिया जोर
घोषणापत्र जारी करते हुए अमित शाह ने भाजपा की नीतियों और योजनाओं की चर्चा की। उन्होंने अघाड़ी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “अघाड़ी की सारी योजनाएं सत्ता के लालच में तुष्टिकरण की नीति पर आधारित हैं, जो महाराष्ट्र की संस्कृति और विचारधारा का अपमान हैं।” उन्होंने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता राज्य और केंद्र सरकार की ओर से किए गए वादों को पूरा करना है, और हमारी पार्टी की नीतियां पत्थर की लकीर के समान होती हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार राज्य में हो या केंद्र में, वह अपने संकल्पों को सिद्ध करने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहती है।
भाजपा का घोषणापत्र: विकास और जनता की प्राथमिकता
भाजपा का घोषणापत्र महाराष्ट्र की जनता की प्राथमिकताओं पर केंद्रित है, जिसमें उन्होंने कई विकासात्मक योजनाएं और कल्याणकारी नीतियों का वादा किया है। घोषणापत्र में राज्य के किसानों, महिलाओं, युवाओं, और उद्यमियों के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं। अमित शाह ने कहा कि भाजपा की सरकार विकास के मार्ग पर चलकर हर वर्ग को साथ लेकर चलने का संकल्प रखती है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के सभी इलाकों में समान विकास लाने के लिए भाजपा कृतसंकल्प है।
अमित शाह के भाषण के प्रमुख बिंदु
- महायुति के मुख्यमंत्री चेहरे पर बयान: अमित शाह ने यह संकेत दिया कि फिलहाल एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे, लेकिन अंतिम निर्णय चुनाव के बाद गठबंधन के नेताओं के बीच चर्चा के बाद लिया जाएगा।
- उद्धव ठाकरे और कांग्रेस पर हमला: अमित शाह ने शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर उद्धव ठाकरे पर सवाल उठाए और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा के अपमान का आरोप लगाया।
- भाजपा की प्रतिबद्धता: अमित शाह ने कहा कि भाजपा की सरकार चाहे राज्य में हो या केंद्र में, उनके संकल्प पत्थर की लकीर के समान होते हैं, और उनकी प्राथमिकता महाराष्ट्र के विकास में कोई कसर न छोड़ना है।
अमित शाह के इस बयान से संकेत मिलता है कि भाजपा महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के तहत आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूत नेतृत्व और विकास की योजनाओं के साथ जनता का समर्थन जुटाने की कोशिश में है। उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष और भाजपा की वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि भाजपा सरकार राज्य में स्थिरता और विकास को प्राथमिकता देती है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं, और घोषणापत्र के माध्यम से राज्य की जनता को एक सशक्त, विकासशील और तुष्टिकरण रहित शासन का आश्वासन दिया है।