महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए नामांकन पत्रों की वापसी की समय सीमा खत्म हो चुकी है और अब चुनावी मैदान में स्थिति पूरी तरह से साफ हो गई है। महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने नामांकन की आखिरी तारीख तक कई सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर सस्पेंस बनाए रखा, जिससे चुनावी समीकरणों में कई बदलाव हुए हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने आठ सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है, जिसमें मानखुर्द शिवाजीनगर से अबू आसिम आजमी और भिवंडी से रईस शेख प्रमुख उम्मीदवार हैं। इन दो सीटों पर एमवीए ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, जबकि शेष छह सीटों पर एमवीए और सपा के बीच एक फ्रेंडली फाइट देखने को मिलेगी।
सपा ने इन उम्मीदवारों को दी टिकट
समाजवादी पार्टी ने जिन आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- अबू आसिम आजमी – मानखुर्द शिवाजीनगर
- रईस कासिम शेख – भिवंडी
- रियाज आजमी
- डॉ. गफ्फार कादरी
- शाने हिंद निहाल अहमद
- इरशाद जहागीरदार
- एडवोकेट रेविन भोसले
- देवेंद्र रोजकर
समाजवादी पार्टी ने महा विकास आघाड़ी से शुरू में पांच सीटों की मांग की थी, जबकि गठबंधन ने उन्हें सिर्फ दो सीटों पर सहमति जताई थी। इस पर सपा ने एमवीए पर दबाव बढ़ाते हुए स्पष्ट किया कि अगर उन्हें पांच सीटें नहीं मिलीं, तो वे 25 से 30 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं। आखिरकार सपा और एमवीए के बीच सहमति बन गई और अब सपा आठ सीटों पर चुनाव मैदान में है।
किरीट सोमैया का एमवीए पर हमला
इस चुनावी घमासान में सपा उम्मीदवार रईस कासिम शेख की पोस्ट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सोमैया ने कहा कि रईस शेख का एमवीए के समर्थन में यह कहना कि वह “लव जिहाद”, “जमीन जिहाद” और “वोट जिहाद” को बनाए रखना चाहते हैं, यह एमवीए की नीति का हिस्सा है। सोमैया ने कहा कि महायुति की सरकार आने पर राज्य में एंटी लव जिहाद कानून लागू किया जाएगा, जो ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करेगा।
रईस कासिम शेख ने अपनी एक पोस्ट में एमवीए के नेताओं को एक साझा अल्पसंख्यक कार्यक्रम को शामिल करने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि “लव जिहाद” समिति को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और अल्पसंख्यक छात्रों को सीधी छात्रवृत्ति देने के अलावा आईटीआई प्रवेश के धर्म-आधारित प्रस्ताव को रद्द किया जाना चाहिए। शेख ने अपने पोस्ट में कहा कि ये कदम अल्पसंख्यक समुदाय के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। इस प्रस्ताव पर किरीट सोमैया ने एमवीए और सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अल्पसंख्यकों के नाम पर महाराष्ट्र के मतदाताओं को गुमराह कर रहे हैं और उनकी आस्था का फायदा उठा रहे हैं।
एमवीए के अंदरूनी मतभेद
सपा और एमवीए के अन्य सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर हुई खींचतान ने चुनावी गठबंधन के बीच अंदरूनी मतभेद को उजागर किया है। एमवीए का नेतृत्व शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी के प्रमुख नेता कर रहे हैं, लेकिन सपा के प्रमुख अबू आसिम आजमी और उनके सहयोगियों ने एमवीए से अधिक सीटों की मांग की थी। इसके बाद ही यह घोषणा की गई कि सपा आठ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी, जिससे एमवीए और सपा के बीच फ्रेंडली फाइट देखने को मिलेगी।
चुनावी माहौल और अल्पसंख्यक वोट बैंक
महाराष्ट्र के इस विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक मतदाता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एमवीए ने सपा को समर्थन देकर अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने की कोशिश की है, लेकिन भाजपा ने इस मामले पर कटाक्ष करते हुए एमवीए पर आरोप लगाया है कि वे अल्पसंख्यकों को “वोट बैंक” के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा का एक मुख्य एजेंडा “एंटी लव जिहाद” कानून भी है, जिससे उनकी नजरें धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण को साधने पर भी हैं। भाजपा ने घोषणा की है कि वह राज्य में अपनी सरकार बनने पर एंटी लव जिहाद कानून लागू करेगी, जिससे लव जिहाद जैसे मुद्दों पर सख्ती से निपटा जा सके।