महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। मतदान में केवल चार दिन शेष हैं और सभी राजनीतिक दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगने से चुनावी गर्मी और बढ़ गई है।
आचार संहिता उल्लंघन का मामला
आदित्य ठाकरे पर आरोप है कि उनके समर्थकों ने आचार संहिता लागू होने के बावजूद धोबी घाट की कई इमारतों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। शिकायतकर्ता ने चुनाव आयोग से इस मामले की शिकायत की है और इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। हालांकि, आदित्य ठाकरे और उनकी पार्टी ने इस आरोप पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
दपोली में आदित्य ठाकरे का विवादित बयान
दपोली में आयोजित एक सभा के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा, “जो हमारे कार्यकर्ताओं को धमकाने की कोशिश करेगा, उसे बर्फ की सिल्ली पर सुला देंगे।” उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। आदित्य ठाकरे का यह बयान उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति समर्थन को मजबूत दिखाने का प्रयास माना जा रहा है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता का कहना है कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि कोई भी उनके कार्यकर्ताओं को परेशान न कर सके। आदित्य ठाकरे ने सभा में यह भी दावा किया कि आगामी चुनाव के बाद उनकी सरकार बनने जा रही है।
रामदास कदम और योगेश कदम पर सियासी हमला
दपोली सभा में आदित्य ठाकरे ने शिंदे गुट के नेता रामदास कदम और उनके बेटे योगेश कदम को ‘गद्दार’ कहते हुए निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे गुट ने शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को कमजोर करने की कोशिश की है।
रामदास कदम ने आदित्य ठाकरे के इन आरोपों का पलटवार करते हुए कहा कि जब वे अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे, तो उनके बेटे योगेश कदम और आदित्य ठाकरे करीबी दोस्त थे। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) के गठन के बाद आदित्य ठाकरे ने दपोली में उनके करीबी लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
20 नवंबर को मतदान, 23 को नतीजे
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर 2024 को एक ही चरण में मतदान होगा। इसके बाद 23 नवंबर को मतगणना के बाद चुनावी नतीजों की घोषणा की जाएगी। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के बीच है।
महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अन्य दल शामिल हैं, अपनी सत्ता बरकरार रखने का दावा कर रहा है। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं, इस बार सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है।
आचार संहिता और चुनावी सियासत
आदित्य ठाकरे पर लगे आचार संहिता उल्लंघन के आरोप और दपोली में उनके बर्फ की सिल्ली वाले बयान ने चुनावी माहौल को और ज्यादा गर्मा दिया है। विपक्ष ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) ने इसे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने वाला बयान करार दिया है।
चुनावी समीकरण
महाराष्ट्र के चुनावी समीकरण काफी जटिल हैं। महायुति गठबंधन जहां हिंदुत्व और विकास के मुद्दों को केंद्र में रखकर प्रचार कर रहा है, वहीं महाविकास अघाड़ी सामाजिक न्याय, किसान कल्याण और भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना को लेकर वोट मांग रही है।
आदित्य ठाकरे का यह विवादित बयान और उनके खिलाफ लगे आरोप महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ ला सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये मुद्दे शिवसेना (यूबीटी) को फायदा पहुंचाएंगे या सत्ताधारी गठबंधन के हाथ मजबूत करेंगे। चुनावी नतीजे 23 नवंबर को यह तय करेंगे कि महाराष्ट्र की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ेगी।