महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल बेहद गर्म है। एक तरफ भाजपा और शिवसेना की महायुति (एनडीए गठबंधन) तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी (एमवीए) जिसमें कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल हैं, आमने-सामने हैं। इस चुनावी जंग में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है। सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर चुके हैं। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र कांग्रेस को एक महत्वपूर्ण नसीहत दी, जिस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कई सवाल खड़े किए हैं।
खरगे की कांग्रेस को सलाह
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस को 5, 6, 10 या 20 गारंटियों की घोषणा करने से बचना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि घोषणाएं केवल बजटीय आधार पर की जानी चाहिए ताकि राज्य के खजाने पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। खरगे ने कहा, “अगर सड़क और विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचता है तो जनता का असंतोष बढ़ सकता है और सरकार की छवि खराब हो सकती है। आने वाली पीढ़ियों को दिवालियापन झेलना पड़ सकता है।”
खरगे की इस नसीहत को कांग्रेस की स्थिति और वास्तविकता के प्रति गंभीरता से लेने का संकेत माना जा रहा है। कांग्रेस द्वारा पहले किए गए वादों और गारंटी घोषणाओं के बावजूद, उनके कार्यान्वयन में आ रही दिक्कतों पर भी यह एक टिप्पणी मानी जा रही है।
भाजपा ने दिया जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की इस नसीहत पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह बात पहले ही समझनी चाहिए थी। प्रसाद ने तंज कसते हुए कहा, “क्या खरगे ने यह सबक राहुल गांधी को सिखाया है? राहुल गांधी हमेशा बड़े-बड़े वादे करते हैं और चुनावी घोषणाएं करते हैं, लेकिन उन वादों को पूरा करने में असफल रहते हैं।”
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के कर्नाटक में किए गए वादों का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस ने पांच गारंटियों की घोषणा की थी, लेकिन आज उन्हें मुफ्त बस योजना (शक्ति) की समीक्षा करने पर मजबूर होना पड़ा है। प्रसाद ने कहा, “भाजपा जो वादे करती है, उसे पूरा करती है। हम जनता को धोखा देने में विश्वास नहीं करते। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि केवल उन वस्तुओं की घोषणा करनी चाहिए जिनके लिए बजटीय प्रावधान और वित्तीय उपलब्धता हो।”
कांग्रेस पर गुमराह करने का आरोप
भाजपा ने कांग्रेस पर जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसने जनता को गुमराह किया है। क्या खरगे महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक में किए गए वादों के लिए माफी मांगेंगे?” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के नेताओं को अब जनता से माफी मांगनी चाहिए और जो वादे उन्होंने किए हैं, उनके क्रियान्वयन पर ध्यान देना चाहिए।
प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस गठबंधन के लोग भी जनता को गुमराह करेंगे और केवल वोट पाने के लिए झूठे वादे करेंगे। प्रसाद ने यह भी दावा किया कि बीजेपी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो किए गए वादों को निभाती है और जनता के साथ ईमानदारी से पेश आती है।
महाराष्ट्र चुनाव का बड़ा दांव
महाराष्ट्र में भाजपा और एमवीए गठबंधन के बीच सीधी टक्कर है। एक ओर भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) का महायुति गठबंधन है, तो दूसरी ओर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) का महाविकास अघाड़ी। दोनों ही गठबंधन सत्ता में आने के लिए सभी तरह के रणनीतिक प्रयास कर रहे हैं। वहीं, नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप की जंग भी तेज़ हो गई है।
महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखे वार-पलटवार देखने को मिल रहे हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी ही पार्टी को बजट-आधारित वादों की सलाह दी, जिसे भाजपा ने कांग्रेस की कमजोरी और वोटबैंक के लिए जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए राजनीतिक मुद्दा बना दिया। चुनाव में ऐसे मुद्दे और विवाद राजनीति की चाल को और रोचक बना रहे हैं।