
पंजाब में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाया जा रहा है ताकि बच्चों को एक आधुनिक और सुविधाजनक वातावरण में पढ़ाई का मौका मिले। सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की टक्कर देने लायक बनाने के लिए स्मार्ट क्लासरूम, खेल के मैदान, लाइब्रेरी और अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बड़ा बदलाव
पिछले कुछ सालों में पंजाब के सरकारी स्कूलों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। पहले जहां माता-पिता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजना पसंद करते थे, वहीं अब सरकारी स्कूलों में भी बच्चों का दाखिला बढ़ रहा है। कारण साफ है – बेहतर सुविधाएं, अच्छी शिक्षा और पढ़ाई का बेहतर माहौल।
पंजाब सरकार स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बना रही है, जिससे बच्चों को डिजिटल लर्निंग का फायदा मिल रहा है। इसके अलावा, स्कूलों में खेल के मैदान विकसित किए जा रहे हैं ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद में भी आगे बढ़ें।
शिक्षा के लिए 16,987 करोड़ का बजट
सरकार ने 2024-25 के लिए शिक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश किया है। इस साल शिक्षा के लिए 16,987 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जो राज्य के कुल खर्च का 11.5 प्रतिशत है। इस बजट का इस्तेमाल स्कूलों के बुनियादी ढांचे को सुधारने, नई सुविधाएं जोड़ने और शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ाने में किया जा रहा है।
पिछले साल भी सरकार ने 2,563 स्कूलों में चारदीवारी का निर्माण पूरा किया था और 3,055 स्कूलों में इसकी मरम्मत करवाई गई थी। इससे साफ है कि पंजाब सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर है और इसे प्राथमिकता दे रही है।
सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ रहा भरोसा
आज पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर इतना बेहतर हो चुका है कि कई माता-पिता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलवा रहे हैं। स्कूलों में अनुभवी शिक्षकों की तैनाती, डिजिटल लर्निंग और आधुनिक सुविधाओं के कारण बच्चों को बेहतरीन शिक्षा मिल रही है।
सरकार का मकसद पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाना है। इसके लिए सरकार लगातार स्कूलों की दशा सुधार रही है और बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए काम कर रही है। अगर यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले समय में पंजाब के सरकारी स्कूल देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकते हैं।