मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का इस्तीफा, सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर
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मणिपुर में राजनीति अचानक गर्मा गई है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह बीजेपी सांसद संबित पात्रा, मणिपुर सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस फैसले से पहले उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी।
सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया
बीरेन सिंह के इस्तीफे के तुरंत बाद गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। मणिपुर लंबे समय से हिंसा और जातीय तनाव से जूझ रहा है, इसलिए सरकार किसी भी अप्रिय स्थिति से बचना चाहती है।
मणिपुर में हिंसा की वजह क्या है?
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। इन झगड़ों की मुख्य वजह जमीन का अधिकार, आरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व है।
- मैतेई समुदाय – वे मणिपुर की कुल जनसंख्या का लगभग 53% हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं।
- कुकी और नागा समुदाय – वे मणिपुर की 40% से ज्यादा आबादी हैं और ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।
मैतेई समुदाय चाहता है कि उन्हें अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मिले, ताकि वे भी आरक्षण का लाभ उठा सकें। लेकिन कुकी समुदाय इसका विरोध कर रहा है, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनके विशेष अधिकार कम हो जाएंगे।
लंबे समय से जारी हिंसा
इस जातीय संघर्ष की वजह से पिछले कुछ महीनों में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों को अपने घर छोड़ने पड़े। राज्य में कई बार हिंसक झड़पें हो चुकी हैं, जिनमें भारी जान-माल का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार ने हालात काबू में करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की थी, लेकिन अब भी तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
बीरेन सिंह के इस्तीफे के मायने
बीरेन सिंह का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब राज्य में हालात संवेदनशील बने हुए हैं। कुछ लोग इस फैसले को राजनीतिक रणनीति बता रहे हैं, तो कुछ इसे शांतिपूर्ण समाधान की ओर कदम मान रहे हैं। अब यह देखना होगा कि मणिपुर में नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा और सरकार इस संकट को कैसे सुलझाएगी।
क्या होगा आगे?
- केंद्र सरकार की नई रणनीति क्या होगी?
- क्या मणिपुर में नए सिरे से शांति बहाल होगी?
- क्या जातीय संघर्ष खत्म हो पाएगा?
अभी के लिए, मणिपुर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।