पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से पूरे देश और दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है। भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में उनके योगदान को याद करते हुए, देश-विदेश की मीडिया और राजनेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मनमोहन सिंह को एक उत्कृष्ट अर्थशास्त्री और शांत स्वभाव वाले नेता के रूप में जाना जाता था, जिन्होंने भारत को आर्थिक प्रगति की राह पर अग्रसर किया।
ब्रिटिश मीडिया ने याद किया संघर्षपूर्ण जीवन
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने मनमोहन सिंह के संघर्ष भरे जीवन को याद करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई पूरी की। रिपोर्ट के अनुसार, मनमोहन सिंह बचपन में स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई करते थे और कड़ी मेहनत के दम पर अपनी शिक्षा पूरी की। वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल की चर्चा करते हुए अखबार ने लिखा कि 1991 में आर्थिक उदारीकरण के दौरान उनकी नीतियों ने भारत को आर्थिक संकट से उबारते हुए वैश्विक मंच पर स्थापित किया।
अमेरिकी मीडिया ने आर्थिक सुधारों की तारीफ की
अमेरिकी अखबार सीएनएन ने मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधारों और उनके कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए लिखा कि उन्होंने 1991 में भारत के लिए आर्थिक सुधारों का खाका तैयार किया, जिसने देश को एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने का मार्ग प्रशस्त किया। अखबार ने यह भी उल्लेख किया कि मनमोहन सिंह ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंची।
पाकिस्तानी मीडिया ने की सराहना
पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने मनमोहन सिंह को एक शांत और दूरदर्शी नेता बताते हुए उनके योगदान को सराहा। रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 के दशक में वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नया जीवन दिया। उनके सुधारों ने भारत को एक स्थिर और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में बदलने में मदद की।
द डॉन ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से लिखा कि मनमोहन सिंह न केवल भारत के सबसे सफल नेताओं में से एक थे, बल्कि उनकी नेतृत्व शैली ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सम्मान दिलाया। रिपोर्ट में उनके शांत स्वभाव और कुशल रणनीतियों की सराहना की गई।
दुनिया भर से श्रद्धांजलि
दुनिया भर की मीडिया और नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी नीतियों और नेतृत्व ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला।
भारत के आर्थिक सुधारों के जनक
मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में जाना जाता है। 1991 में जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) की नीतियों को लागू किया। यह नीतियां आज भी भारत की आर्थिक प्रगति की नींव मानी जाती हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान केवल आर्थिक सुधारों तक सीमित नहीं था। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और विकास के लिए कार्य किया। उनके निधन से न केवल भारत, बल्कि दुनिया ने एक महान नेता और दूरदर्शी अर्थशास्त्री को खो दिया है।