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भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Cap) 9 महीने के निचले स्तर पर आ गया है और यह 400 लाख करोड़ रुपये के नीचे चला गया है। यह पहली बार जून 2024 के बाद हुआ है कि बीएसई का कुल मूल्य 398 लाख करोड़ रुपये तक गिर गया है। पिछले 10 कारोबारी सत्रों में से 9 दिन बाजार नुकसान के साथ बंद हुआ, जिससे बाजार में गिरावट का सिलसिला बना हुआ है।
सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट का असर
मंगलवार को सेंसेक्स 29 अंक गिरकर 75,967 पर और निफ्टी 14.20 अंक गिरकर 22,945 पर बंद हुआ। साल 2025 में अब तक सेंसेक्स 2.78% और निफ्टी 2.96% तक गिर चुका है। इसके अलावा, स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। बीएसई मिडकैप इंडेक्स अपने उच्चतम स्तर से 20% तक नीचे गिर चुका है, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 23% तक की गिरावट आ चुकी है।
क्यों गिर रहा है बाजार?
विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार में गिरावट के पीछे कई बड़े कारण हैं:
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी – अमेरिका ने कुछ देशों से स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर 25% शुल्क लगा दिया है, जिससे वैश्विक बाजार प्रभावित हुआ है।
- विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली – विदेशी निवेशक भारत से अपना पैसा निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ रहा है।
- कमजोर तिमाही नतीजे – भारतीय कंपनियों के Q3 (तीसरी तिमाही) के नतीजे उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ है।
- डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया – रुपये की कीमत गिरने से भी विदेशी निवेशकों को नुकसान हो रहा है और वे बाजार से बाहर निकल रहे हैं।
- शेयर बाजार में करेक्शन – पिछले साल बाजार में जबरदस्त तेजी थी, लेकिन अब इसमें करेक्शन (गिरावट) हो रही है।
आगे बाजार कहां जाएगा?
बाजार के जानकारों का मानना है कि निफ्टी के लिए 22,800 का स्तर बहुत अहम है। यदि निफ्टी इस स्तर पर टिकता है तो इसमें रिकवरी देखने को मिल सकती है, लेकिन अगर यह इससे नीचे जाता है, तो गिरावट और गहरा सकती है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट नंदीश शाह के मुताबिक,
“निफ्टी का शॉर्ट-टर्म ट्रेंड अभी भी कमजोर बना हुआ है। जब तक यह 5-दिन के मूविंग एवरेज (23,020) के ऊपर नहीं जाता, तब तक इसमें मजबूती नहीं आएगी।”
रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्च हेड अजीत मिश्रा का कहना है,
“अगर निफ्टी 22,725 के नीचे जाता है, तो गिरावट का दौर और तेज हो सकता है। लेकिन अगर यह 23,235 तक पहुंचता है, तो बाजार में रिकवरी देखने को मिल सकती है।”
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
शेयर बाजार की मौजूदा गिरावट ने निवेशकों को असमंजस में डाल दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों की राय में, यह समय घबराने का नहीं, बल्कि अच्छे स्टॉक्स को सस्ते दामों पर खरीदने का हो सकता है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एक्सपर्ट रूपक डे के अनुसार,
“अभी बाजार में तेजी से कोई सुधार नहीं होगा। निफ्टी जब तक 23,150 से नीचे है, तब तक यह ‘बढ़त पर बिकवाली’ वाले ट्रेंड में रहेगा।”
अगर बाजार में गिरावट और बढ़ती है तो निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- फंडामेंटली मजबूत कंपनियों में निवेश करें, जो लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।
- छोटे और मिडकैप शेयरों में अभी नया निवेश करने से बचें, क्योंकि इनमें करेक्शन जारी रह सकता है।
- अगर निफ्टी 22,800 से नीचे जाता है, तो कुछ समय के लिए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
- डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति पर भी नजर रखें, क्योंकि इसका असर बाजार पर पड़ता है।
शेयर बाजार में आई गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह लंबी अवधि के निवेश के लिए एक अच्छा मौका हो सकता है। हालांकि, शॉर्ट-टर्म में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। अगले कुछ दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि निफ्टी 22,800 के स्तर को बनाए रख पाता है या नहीं। अगर बाजार में मजबूती आती है, तो निवेशकों को जल्द ही राहत मिल सकती है।