
घरेलू शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन तेजी जारी रही, जिससे निवेशकों की संपत्ति में जबरदस्त इजाफा हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 22.12 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 4,13,30,624.05 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 557.45 अंक (0.73%) की छलांग लगाकर 76,905.51 अंकों पर बंद हुआ। इस दौरान बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 2.05% और मिडकैप इंडेक्स 1.14% बढ़ा। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में कुल 4% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई है।
लगातार पांच सत्रों से बाजार में तेजी
साल 2025 में यह पहली बार हुआ है कि बाजार लगातार पांच सत्रों तक मजबूती के साथ बंद हुआ है। लगभग दो महीने बाद निफ्टी 23,400 के स्तर को पार करने में सफल रहा। इस तेजी की मुख्य वजहें विदेशी निवेशकों की खरीदारी, महंगाई में गिरावट और ब्याज दरों में संभावित कटौती मानी जा रही हैं।
रुपये की मजबूती
शुक्रवार, 21 मार्च को भारतीय रुपया 14 पैसे मजबूत होकर 86.23 पर खुला। विदेशी निवेश (FPI) में तेजी और REER में गिरावट से रुपये को मजबूती मिली। यह पिछले दो महीनों का उच्चतम स्तर है और दो सालों में सबसे अच्छा साप्ताहिक प्रदर्शन भी रहा। इस हफ्ते रुपया डॉलर के मुकाबले 1% चढ़ा और लगातार आठवें सत्र में मजबूती दर्ज की गई।
विदेशी निवेशकों की जबरदस्त वापसी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार में जोरदार वापसी की है। पिछले चार में से दो सत्रों में उन्होंने 3,239 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 3,136 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
जीयोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के वी.के. विजयकुमार के अनुसार,
“FPI की खरीदारी के चलते निफ्टी में 3.5% की मजबूती आई है।”
प्रमुख शेयरों के आकर्षक दाम
शेयर बाजार में आई इस तेजी का एक कारण यह भी है कि कई महत्वपूर्ण कंपनियों के शेयर सस्ते दामों पर उपलब्ध हो गए थे, जिससे निवेशकों ने जमकर खरीदारी की।
कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान के अनुसार,
“यह राहत भरी तेजी निफ्टी को 23,300-23,500 के स्तर तक पहुंचा सकती है।”
महंगाई और औद्योगिक उत्पादन में सुधार
देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूती के संकेत दे रही है। फरवरी में खुदरा महंगाई घटकर 3.61% पर आ गई, जो सात महीनों का न्यूनतम स्तर है। वहीं, जनवरी में औद्योगिक उत्पादन 5% बढ़ा है।
रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की अगले वित्त वर्ष की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान लगाया है।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया है। इसी के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अप्रैल में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती कर सकता है।
चूंकि महंगाई 4-6% के दायरे से नीचे बनी हुई है, इसलिए ब्याज दरों में कटौती की संभावना और अधिक मजबूत हो रही है, जिससे बाजार में और तेजी देखने को मिल सकती है।
निवेशकों के लिए सुनहरा मौका
शेयर बाजार में जारी इस तेजी से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। अगर विदेशी निवेशकों की खरीदारी जारी रहती है और महंगाई नियंत्रित रहती है, तो आने वाले दिनों में बाजार नई ऊंचाइयों को छू सकता है।
(शेयर बाजार में निवेश से पहले विशेषज्ञों की राय जरूर लें। बाजार में उतार-चढ़ाव संभव है, इसलिए सूझबूझ के साथ निवेश करें।)