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शुक्रवार को किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के बीच एमएसपी समेत 11 मुद्दों पर चर्चा हुई। चंडीगढ़ में हुई यह बैठक शाम 5:11 बजे से रात 8:30 बजे तक चली, लेकिन किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। किसान नेताओं ने सरकार को एमएसपी की गारंटी को हल्के में न लेने की चेतावनी दी। अब अगली बैठक 22 फरवरी को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होगी।
बैठक में क्या-क्या चर्चा हुई?
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का बयान
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और सरकार ने किसानों की सभी मांगों को ध्यान से सुना। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने बजट में किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं, जिसकी जानकारी किसान नेताओं को दी गई।
किसान नेताओं का रुख
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बैठक को सकारात्मक बताया, लेकिन कहा कि सरकार को ठोस फैसले लेने होंगे। वहीं, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान संगठन शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए समाधान चाहते हैं, लेकिन सरकार को इसे गंभीरता से लेना होगा। उन्होंने सरकार द्वारा एमएसपी लागू करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए के सालाना खर्च का दावा गलत बताया और कहा कि जनता को इस तरह के तर्क देकर गुमराह नहीं किया जाना चाहिए।
पंजाब सरकार किसानों के साथ
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि पंजाब सरकार पूरी तरह किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांगों पर सहानुभूति से विचार करने और जल्द समाधान निकालने की अपील की।
अगली बैठक 22 फरवरी को
अब किसानों और सरकार के बीच अगली बैठक 22 फरवरी को चंडीगढ़ में होगी, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे।
इस बैठक में किसानों ने एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अपनी सभी मांगों को मजबूती से रखा। हालांकि, कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, लेकिन वार्ता जारी रखने पर सहमति बनी। अब सबकी नजरें 22 फरवरी की बैठक पर टिकी हैं, जहां उम्मीद की जा रही है कि सरकार और किसान किसी समाधान पर पहुंच सकते हैं।