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न्यूजीलैंड के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पंजाब पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री राहुल भंडारी से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में न्यूजीलैंड के प्रोफेसर गैरी उडी (MPI), प्रोफेसर निकोलस लोपेज (मैसी यूनिवर्सिटी) और डॉ. डेविड हेमन (TRG/ABS) शामिल थे। उनके साथ भारत के डॉ. आर.ओ. गुप्ता (NDDB) भी मौजूद थे। बैठक में पशुपालन क्षेत्र, विशेष रूप से पशु प्रजनन और छोटे डेयरी किसानों की बेहतरी के लिए आपसी सहयोग पर चर्चा हुई।
श्री राहुल भंडारी ने प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रीय डेयरी योजना-1 (National Dairy Plan-1) की प्रगति के बारे में जानकारी दी, जिसे जुलाई 2013 में शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य गाय और भैंस की नस्लों में आनुवंशिक सुधार करना है। यह कार्य वंश परीक्षण, आनुवंशिक मूल्यांकन और चयनात्मक प्रजनन के माध्यम से किया जा रहा है।
परियोजना के प्रमुख लक्ष्यों में उच्च आनुवंशिक गुणों वाले (HGM) सांडों का उत्पादन, युवा सांडों, सांड माताओं और सांड पिताओं के लिए एक मजबूत आनुवंशिक मूल्यांकन प्रणाली विकसित करना और दूध, वसा, ठोस-नॉट-फैट (SNF) और प्रोटीन उत्पादन में निरंतर सुधार करना शामिल है।
श्री भंडारी ने बताया कि वर्तमान में यह परियोजना पंजाब के तीन जिलों – पटियाला, संगरूर और बरनाला की 160 संस्थाओं में संचालित की जा रही है। अब तक इस परियोजना के तहत कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई हैं, जिनमें 4,50,000 कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination – AI), 50,000 मादा बछड़ों का पंजीकरण, 2,20,000 पशुओं का शारीरिक मापन, 6,000 ब्याही गायों का दूध रिकॉर्डिंग और वर्गीकरण तथा 650 HGM नर बछड़ों की खरीद शामिल है।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में दूध उत्पादन और गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सांडों की खरीद आवश्यक है।
बैठक के बाद न्यूजीलैंड के प्रतिनिधिमंडल ने पटियाला जिले के कुछ गाँवों – चासवाल, सहोली और लौत का दौरा किया, जहाँ उन्होंने स्थानीय किसानों से बातचीत की और मुर्राह प्रजनन परीक्षण (Murrah Progeny Testing – PT) परियोजना की प्रगति को देखा।
पंजाब पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जी.एस. बेदी के साथ मौजूद न्यूजीलैंड की टीम ने परियोजना की कार्यप्रणाली और उसकी सफलता पर संतोष जताया।
इस बैठक में अन्य अधिकारी, जैसे परियोजना समन्वयक डॉ. अमित खुराना और डॉ. आर.पी.एस. बाली भी उपस्थित थे। सभी ने मिलकर इस परियोजना को आगे बढ़ाने और डेयरी उद्योग में और सुधार लाने की दिशा में चर्चा की।