प्रेस कॉन्फ्रेंस में गोपाल राय ने पेश किया प्रदूषण का डेटा दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के वायु प्रदूषण के पीछे के कारणों पर प्रकाश डाला। हालांकि, फिलहाल उन्होंने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने की घोषणा नहीं की है। राय ने बताया कि दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के लिए केवल दिल्लीवासी ही नहीं, बल्कि एनसीआर और आसपास के जिले भी जिम्मेदार हैं।
प्रदूषण का 70% हिस्सा बाहरी क्षेत्रों से आता है प्रेस कॉन्फ्रेंस में राय ने 12 अक्टूबर से 3 नवंबर तक का डेटा प्रस्तुत किया। इस डेटा के अनुसार, दिल्ली के कुल प्रदूषण का 30.34% हिस्सा दिल्ली के स्थानीय स्रोतों से आता है, जबकि 34.97% एनसीआर के दूसरे जिलों से और 27% प्रदूषण एनसीआर से सटे अन्य जिलों से होता है। इस प्रकार, लगभग 69.66% प्रदूषण बाहरी इलाकों से दिल्ली में प्रवेश करता है। राय ने कहा कि यह डेटा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि दिल्ली में फैलने वाले प्रदूषण के लिए एनसीआर के जिले और अन्य निकटवर्ती क्षेत्र भी जिम्मेदार हैं।
ज्वाइंट एक्शन प्लान की जरूरत राय ने जोर देकर कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली-एनसीआर और अन्य जिलों को एक संयुक्त कार्ययोजना तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली अकेले प्रदूषण से नहीं लड़ सकती, इसके लिए सभी क्षेत्रों को अपने हिस्से के प्रदूषण को कम करने की आवश्यकता है। इसके लिए पूरे एनसीआर में संयुक्त प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
पराली जलाने में आई कमी, पंजाब में सुधार की सराहना गोपाल राय ने पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 2022 में पंजाब में पराली जलाने की 45,172 घटनाएं दर्ज की गई थीं। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद इस पर काबू पाने के लिए खास काम किए गए, जिसके चलते 2023 में यह घटकर 26,127 रह गईं। इस वर्ष अब तक केवल 7,492 घटनाएं दर्ज हुई हैं। राय ने दावा किया कि पराली जलाने में लगभग 80% की कमी आई है और यह केंद्र सरकार के जारी किए गए डेटा से भी प्रमाणित होता है।
यूपी में बढ़ी पराली जलाने की घटनाएं राय ने उत्तर प्रदेश के संबंध में चिंता जताते हुए बताया कि दिल्ली से सटे यूपी के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। 2022 में यूपी में 12,371 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2023 में यह बढ़कर 20,167 हो गईं। राय ने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण की मार से बचाने के लिए इन इलाकों में पराली जलाने को कम करना जरूरी है।
दिल्ली के प्रदूषण पर आसपास के जिलों का असर गोपाल राय ने अंत में कहा कि दिल्ली के लोगों को सिर्फ दिल्ली में उत्पन्न प्रदूषण का सामना नहीं करना पड़ता, बल्कि चारों ओर से आने वाले प्रदूषण का भी असर दिल्ली की हवा पर पड़ता है। उन्होंने केंद्र और राज्यों से मिलकर एक समग्र और ठोस कार्ययोजना बनाने की अपील की।