
केंद्र सरकार ने 7 अप्रैल को आम जनता को एक और महंगाई का झटका दिया। एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इस फैसले के बाद से देशभर में आम लोगों में नाराजगी है, और विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का तीखा बयान
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गैस सिलेंडर की कीमतों में इजाफे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार आम लोगों पर बोझ डाल रही है और कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रही है।
चीमा ने कहा, “जब से देश में बीजेपी की सरकार आई है, तब से रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल और जरूरी सामानों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है।”
‘रसोई चलाना हुआ मुश्किल’
हरपाल चीमा ने आम लोगों की परेशानियों को सामने रखते हुए कहा, “एक महिला से पूछिए कि वह रसोई कैसे चला रही है। पहले ही आमदनी कम है और अब रोजमर्रा की चीजें इतनी महंगी हो गई हैं कि लोग एक वक्त का खाना भी ठीक से नहीं खा पा रहे।”
उन्होंने कहा कि 50 रुपये की बढ़ोतरी का मतलब है कि सरकार आम लोगों से उनकी थाली छीन रही है। यह सिर्फ सिलेंडर का दाम नहीं है, बल्कि गरीबों की रसोई पर हमला है।
‘बीजेपी और कॉर्पोरेट की दोस्ती’
चीमा ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार आम लोगों की नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट घरानों की सरकार बन गई है। उन्होंने कहा, “बड़ी कंपनियों से इनकी दोस्ती है। ये कंपनियां मुनाफा कमाती हैं और आम जनता महंगाई की मार झेलती है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार पहले लोगों को योजनाओं के जाल में फंसाती है, फिर धीरे-धीरे दाम बढ़ाकर आम लोगों से पैसे वसूलती है।
‘पेट्रोल-डीजल पर भी असर’
हरपाल चीमा ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार यह दावा कर रही है कि पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए, लेकिन सच्चाई यह है कि इसकी सीधी मार आम आदमी की जेब पर पड़ रही है। उन्होंने कहा कि चाहे किराया हो, सब्जी का दाम हो या दफ्तर जाने का खर्च – सब कुछ महंगा हो गया है।
‘किसका साथ, किसका विकास?’
आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार सिर्फ अपने खास उद्योगपतियों का साथ दे रही है और आम जनता को महंगाई के दलदल में धकेल रही है।
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एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ने से हर घर की रसोई पर असर पड़ा है। आम आदमी पार्टी ने सरकार से मांग की है कि बढ़ी हुई कीमतों को तुरंत वापस लिया जाए और आम लोगों को राहत दी जाए। जनता को उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी, क्योंकि ये सिर्फ गैस की कीमत नहीं, बल्कि जीने का सवाल है।