
पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन राशन कार्ड और स्मार्ट कार्ड से जुड़ा मुद्दा जोरशोर से उठा। विधायक गुरप्रीत सिंह बन्नांवाली ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि जब कोई लड़की शादी के बाद अपने ससुराल चली जाती है, तो उसका नाम मायके के राशन कार्ड से हटाकर ससुराल के राशन कार्ड में जोड़ने में काफी दिक्कतें आती हैं। अभी तक कोई ऐसा पोर्टल उपलब्ध नहीं है, जिससे यह प्रक्रिया सुगम हो सके।
विधायक ने आगे कहा कि नवजात बच्चों के नाम भी राशन कार्ड में दर्ज नहीं हो रहे हैं, जिससे वे सिर्फ अन्न योजना ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य योजनाओं से भी वंचित रह जाते हैं। इस पर सदन में चर्चा गरमाई और सरकार से इस समस्या के समाधान की मांग की गई।
मंत्री ने दी सफाई, बताया क्या है प्रक्रिया
इस पर पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारू चक्क ने जवाब देते हुए कहा कि यदि कोई लड़की शादी के बाद अपने ससुराल के राशन कार्ड में नाम जोड़ना चाहती है, तो वह ऐसा कभी भी कर सकती है। लेकिन इसकी शर्त यह है कि ससुराल पक्ष का राशन कार्ड पहले से बना होना चाहिए।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया का पोर्टल से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी को राशन कार्ड में नाम जुड़वाने में समस्या आ रही है, तो संबंधित विभाग को सूचना दी जा सकती है और नाम दर्ज करवा दिया जाएगा।
नवजात बच्चों के नाम जोड़ने में क्यों आ रही समस्या?
नवजात शिशुओं के नाम राशन कार्ड में शामिल न होने के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर पंजाब को 1 करोड़ 41 लाख लाभार्थियों को जोड़ने का अधिकार दिया गया था। इस संख्या को राज्य पार नहीं कर सकता, क्योंकि यह केंद्र सरकार के नियमों के तहत तय की गई है।
मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार ने कई बार केंद्र सरकार से इस बारे में बातचीत की है। खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केंद्र सरकार को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक केंद्र की ओर से इस पर कोई मंजूरी नहीं मिली है।
कब मिलेगा समाधान?
मंत्री ने आगे बताया कि जब देश में अगली जनगणना होगी, उसके बाद केंद्र सरकार पूरे देश में इस नीति में बदलाव करेगी। तभी पंजाब सहित अन्य राज्यों को भी राशन कार्ड में नए नाम जोड़ने की अनुमति मिलेगी।
विपक्ष का सरकार पर हमला
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार चाहती तो अपने स्तर पर भी कोई समाधान निकाल सकती थी। कई गरीब परिवार बच्चों के नाम राशन कार्ड में न जुड़ने के कारण सरकारी योजनाओं से वंचित रह रहे हैं।
हालांकि, सरकार ने केंद्र सरकार को इस मुद्दे का मुख्य जिम्मेदार बताया और कहा कि जब तक नई जनगणना के आधार पर कोटा नहीं बढ़ाया जाता, तब तक नए नाम जोड़ने की कोई संभावना नहीं है।
जनता के लिए क्या हैं विकल्प?
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शादीशुदा महिलाओं के लिए: यदि कोई महिला शादी के बाद ससुराल के राशन कार्ड में नाम जोड़ना चाहती है, तो वह संबंधित विभाग में आवेदन देकर प्रक्रिया पूरी कर सकती है।
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नवजात बच्चों के लिए: अभी तक केंद्र सरकार ने पंजाब को नए नाम जोड़ने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन जैसे ही नई जनगणना होगी, इस पर काम शुरू किया जाएगा।
क्या मिलेगा हल?
सरकार का कहना है कि वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष लगातार उठा रही है। लेकिन जब तक नई नीति नहीं बनती, तब तक राशन कार्ड में नए नाम जोड़ने की समस्या बनी रहेगी। अब देखना होगा कि इस पर केंद्र सरकार कब फैसला लेती है और लाखों लोगों को इस समस्या से राहत मिलती है।