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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन तापमान में गिरावट के साथ ठंड ने दस्तक दे दी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बुधवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 302 दर्ज किया गया, जो मंगलवार को 396 था। इसके बावजूद वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
प्रदूषण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नर्सरी से पांचवीं तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के निर्देश जारी किए गए हैं, जबकि छठी से 12वीं कक्षा तक के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाया जाएगा। छात्रों को ऑनलाइन या स्कूल में कक्षाएं लेने का विकल्प दिया गया है। ग्रेप-4 के तहत, बच्चों के बाहरी गतिविधियों पर अभी भी प्रतिबंध जारी रहेगा।
तमिलनाडु में भारी बारिश, चक्रवात की संभावना
तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश के साथ चक्रवात का खतरा बढ़ गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी में बने गहरे दबाव क्षेत्र के 27 नवंबर तक चक्रवात में बदलने की संभावना है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आपातकालीन तैयारियों की समीक्षा की और NDRF तथा राज्य आपदा प्रबंधन दलों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया है।
चक्रवात की आशंका के चलते चेन्नई और अन्य तटीय जिलों में यातायात बाधित है। चेन्नई के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे उड़ानों और सड़क यातायात में भी देरी हुई है।
प्रदूषण से बचने के उपाय
प्रदूषण से बचाव के लिए सतर्कता और सावधानी आवश्यक है। सबसे पहले, बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करें, विशेष रूप से उच्च प्रदूषण वाले दिनों में। एन95 मास्क अधिक प्रभावी होता है क्योंकि यह हानिकारक कणों को रोकने में मदद करता है।
घर के अंदर वायु की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। घर में पौधे लगाएं, जैसे एलोवेरा, स्नेक प्लांट और तुलसी, जो हवा को शुद्ध करने में सहायक होते हैं। खिड़कियां और दरवाजे तब तक बंद रखें जब तक हवा की गुणवत्ता में सुधार न हो।
आवश्यक न हो तो वाहन का उपयोग कम करें। कारपूलिंग, सार्वजनिक परिवहन या साइकिल का इस्तेमाल करें। प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने वाले काम, जैसे कूड़ा जलाना या अधिक धुआं उत्पन्न करने वाले उपकरणों का उपयोग, न करें।
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए संतुलित आहार लें और भरपूर पानी पिएं। बच्चों और बुजुर्गों को बाहर जाने से बचाएं, खासकर जब AQI ‘खराब’ या उससे अधिक हो।
सामूहिक स्तर पर, पेड़-पौधों को अधिक से अधिक लगाएं और स्वच्छता बनाए रखने में योगदान दें। प्रदूषण से बचाव में जागरूकता और सामूहिक प्रयास सबसे कारगर उपाय हैं।