मिर्ची (Chili) की कहानी: भारत एक सभ्यता और संस्कृति का देश है। खाद्य, विरासत और इतिहास भारत की सुंदरता है। हम रोज़ कई खाद्य आइटमों के इतिहास के बारे में बात करते हैं, लेकिन आपको उन खाद्य आइटमों के पीछे की कहानी पता चले तो आप चौंक जाएंगे।
मिर्ची की कहानी: मुग़ल युग के खाने के बारे में सोचते ही तब तुरंत ही तेल, मसाले और मिर्चों का स्वाद आपके मन में आ जाता है, लेकिन इन्हें भी गंभीरता से देखें। वास्तव में, मुग़ल काल के खानो को बिना किसी मसाले और मिर्च के बनाया जाता था । क्योंकि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।
दक्षिण अमेरिका में कई सैंकड़ों प्रजातियों की मिर्च उगाई जाती है, वहां विभिन्न रंगों और स्वादों की मिर्च होती है। जब पुतर्गाली भारत आये , तव वो मिर्च को भी साथ में लाये, कहा गया कि वहां का क्षेत्र जहां वो बस गए थे वह अब मुंबई कहलाता है। जब उन्होंने मिर्च का स्वाद चखा, तो उन्होंने उसे खाना शुरू किया। बाद में, जब 18वीं शताब्दी में मराठे दिल्ली आए, तो वास्तव में मिर्च उनके साथ हर जगह पहुंच गई।
फिर यह गुजरात, राजस्थान और कई अन्य स्थानों में बोया गया। आज मिर्च हर खाद्य की सुंदरता और स्वाद का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में तुरई की खेती अफ्रीका से आई। फलियां भी अफ्रीका से फ्रांस आईं और फिर फ्रांस से भारत आईं और फ्रेंच बीन कहलाईं। शिमला में पहली बार इसे उगाया गया, इसलिए इसे भारत में कैप्सिकम कहा जाता है।
समय और सदियों के साथ, बहुत से खाद्य और पेय आइटम अन्य संस्कृतियों से आने लगे। इसलिए कहा जाता है कि सभ्यता एक सांझी विरासत है। यात्रा सभ्यता और संस्कृति का एक गुण है।