आज बुधवार (11 दिसंबर) को भारतीय शेयर बाजार में मिला-जुला कारोबार देखने को मिला। बाजार लाल और हरे निशान के बीच झूलते हुए दिखाई दिए। सेंसेक्स 16.09 अंक (0.02%) की बढ़त के साथ 81,526.14 पर बंद हुआ, जबकि इसके 12 स्टॉक्स में बढ़त और 18 स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिली। वहीं, निफ्टी 31.75 अंक (0.13%) की बढ़त के साथ 24,641.80 पर बंद हुआ। निफ्टी50 के 26 स्टॉक्स में बढ़त रही, जबकि 23 स्टॉक्स में गिरावट और 1 स्टॉक स्थिर रहा।
आज प्राइवेट और PSU बैंक इंडेक्स में निफ्टी पर दबाव देखने को मिला, जिससे बैंक निफ्टी में दिनभर दबाव बना रहा। वैश्विक बाजारों से मिले-जुले संकेत मिल रहे थे, जिससे भारतीय बाजार पर असर पड़ा। पिछले दो दिनों से बाजार में सुस्ती दिखाई दे रही थी, और लगातार दो दिन लाल निशान में बंद होने के बाद आज बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
वैश्विक बाजारों का असर
अमेरिकी बाजारों में मुनाफा बुकिंग जारी है। नेस्डैक लगातार सातवें दिन अपने जीवन के उच्चतम स्तर पर पहुंचा, लेकिन अंत में 50 अंक गिर गया। वहीं, डाओ लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा और 150 अंक नीचे बंद हुआ। अमेरिकी बाजारों में कारोबार सुस्त रहा और डाओ फ्यूचर्स भी आज सुस्त थे, जिससे भारतीय बाजारों पर असर पड़ा।
एशियाई बाजारों में भी दबाव दिखा। जापान का निक्केई इंडेक्स 50 अंक गिरावट के साथ बंद हुआ। हालांकि, एक अच्छी बात यह रही कि घरेलू और एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) से बाजार में खरीदारी की खबरें आईं, जिसने थोड़ी राहत दी।
आईपीओ का आकर्षण
आज के लिए सबसे बड़ा अपडेट यह है कि विशाल मेगा मार्ट का 8000 करोड़ रुपये का आईपीओ आज से खुल रहा है। इस आईपीओ का प्राइस बैंड 74 से 78 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। यह आईपीओ 100 प्रतिशत ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत पेश किया गया है। इसके साथ ही साई लाइफ साइंसेज और वन मोबीकविक सिस्टम्स के आईपीओ भी आज से खुल रहे हैं। साई लाइफ साइंसेज का प्राइस बैंड 522 से 549 रुपये है, जबकि वन मोबीकविक का प्राइस बैंड 265 से 279 रुपये रखा गया है।
बाजार की स्थिति
आज के कारोबार में निवेशकों का मूड मिश्रित था, और उन्होंने विभिन्न सेक्टर्स में मुनाफा बुकिंग की। हालांकि, कुछ बड़े सेक्टर्स जैसे बैंकिंग और ऑटोमोबाइल में तेजी दिखाई दी। लेकिन, वैश्विक संकेतों और आईपीओ की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहा।
अंततः, बाजार में समग्रता में कुछ मुनाफा देखने को मिला, लेकिन निवेशकों ने सतर्कता बरती और ग्लोबल बाजारों से मिलते-जुलते संकेतों के साथ बहुत अधिक जोखिम लेने से बचा। आने वाले दिनों में यदि वैश्विक बाजारों में कोई बड़ी हलचल होती है, तो भारतीय बाजारों पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।