
पंजाब के विधायक रमन अरोड़ा एक बड़े विवाद में घिर गए हैं। विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि विधायक बनने के बाद उनके रिश्तेदार (जगदंबे फैशन हाउस के मालिक) का कारोबार महज दो साल में 20 गुना तक बढ़ गया। इस तेज़ी के पीछे विधायक की भूमिका को लेकर शक और भी गहराता जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, विधायक रमन अरोड़ा ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर काले धन को सफेद करने की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत उन्होंने सूरत के पते पर एक फर्जी कंपनी बनाई। हालांकि माल कुछ सूरत से आता था, लेकिन असली डिजाइनिंग और सिलाई जालंधर में एक किराए की फैक्ट्री में की जाती थी। इसके बाद सूरत की नकली कंपनी के टैग लगाकर सूट तैयार किए जाते और कई दुकानदारों को सप्लाई किए जाते।
फर्जी टैग, असली मुनाफा
जांच में सामने आया है कि ग्राहक को यह सूट सूरत का बता कर बेचे जाते थे, जबकि हकीकत में ये जालंधर में तैयार होते थे। इन फर्जी टैग्स और दस्तावेज़ों के सहारे बड़ी मात्रा में नकद पैसा बैंक खातों में डालकर सफेद किया गया। यही वजह रही कि विधायक के रिश्तेदार का कारोबार कुछ लाखों से बढ़कर सीधे 12 करोड़ तक जा पहुंचा।
संपत्ति खरीद के भी मिले सबूत
विजिलेंस को यह भी पता चला है कि विधायक ने हाल ही में अपने रिश्तेदार के नाम पर नगोरा फाटक के पास 80 मरले ज़मीन खरीदी थी। इसके अलावा एक करोड़ों का प्लॉट रणवीर क्लासिक के पास दूसरी फैक्ट्री के लिए भी लिया गया। फिलहाल फैक्ट्री बस्ती बावा खेल इलाके में किराए पर चल रही है, जहां करीब 150-200 कारीगर काम कर रहे हैं।
अगर विधायक की गिरफ्तारी समय पर नहीं हुई होती, तो ये दोनों फैक्ट्रियां नए स्थान पर शिफ्ट हो चुकी होतीं। विजिलेंस को इन संपत्तियों की तस्वीरें और दस्तावेज मिल चुके हैं और जांच शुरू हो चुकी है।
व्यापारी भी आए जांच के घेरे में
इस रैकेट में शहर के कई लेडीज़ सूट विक्रेता भी जांच के घेरे में हैं, जो विधायक के करीबी बताए जा रहे हैं। इनमें से कई उनके साथ प्रॉपर्टी में भागीदार भी हैं। फुटबॉल चौक के पास एक और संपत्ति पर भी विवाद सामने आया है, जहां पहले जमीन को लेकर झगड़ा चल रहा था और बाद में विधायक के दखल के बाद वह सस्ते दाम में खरीदी गई। अब वहां होटल बनाने की योजना बताई जा रही है।
राजू मदान की तलाश तेज़, बेटे ने पकड़ी दुबई की राह
विजिलेंस टीम लगातार विधायक रमन अरोड़ा के रिश्तेदार राजू मदान की तलाश में छापेमारी कर रही है, लेकिन अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं, विधायक का बेटा दुबई भाग चुका है। अगर राजू मदान गिरफ्तार होता है, तो तहसील के रजिस्ट्री क्लर्क से लेकर फाइनेंसर तक कई बड़े नाम उजागर हो सकते हैं।
जांच एजेंसियों की नजर अब इस पूरे नेटवर्क और इससे जुड़े लोगों पर है, और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।