
अमृतसर जिले में 31 मई को एक खास तरह की मॉक ड्रिल की जाएगी, जो केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन शील्ड” का हिस्सा है। इस मॉक ड्रिल का मकसद है कि किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन की तैयारी और लोगों की भागीदारी को जांचा जा सके।
इस ड्रिल के दौरान, शाम 6:00 बजे से 6:30 बजे तक और फिर रात 8:00 बजे से 8:30 बजे तक पूरे जिले में ब्लैकआउट किया जाएगा। यानी उस दौरान इलाके में सारी लाइटें बंद कर दी जाएंगी।
प्रशासन की ओर से साफ कहा गया है कि लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह केवल एक अभ्यास (मॉक ड्रिल) है, ताकि देखा जा सके कि अगर असली में कोई बड़ी आपात स्थिति आए तो हम सब मिलकर किस तरह और कितनी जल्दी उससे निपट सकते हैं।
क्या करें इस दौरान?
इस ब्लैकआउट के दौरान लोग अपने-अपने घरों में रहें।
अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और सड़कों पर रोशनी न करें।
प्रशासन या पुलिस की ओर से जो भी निर्देश मिलें, उनका पालन करें।
अफवाहों से बचें और कोई भी गलत जानकारी आगे न फैलाएं।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि इस अभ्यास में सहयोग करें और इसे गंभीरता से लें। इस तरह की तैयारी से ही किसी भी संभावित खतरे से जल्दी और प्रभावशाली तरीके से निपटा जा सकता है।
क्यों जरूरी है मॉक ड्रिल?
आज की दुनिया में प्राकृतिक आपदाएं, आतंकी हमले या अन्य किसी भी किस्म की इमरजेंसी अचानक हो सकती है। ऐसी स्थिति में हर सेकंड कीमती होता है। मॉक ड्रिल से यह देखा जाता है कि:
प्रशासन और सुरक्षाबल कितनी जल्दी प्रतिक्रिया देते हैं।
मेडिकल टीम, फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू टीमें समय पर पहुंच पाती हैं या नहीं।
आम जनता प्रशासन के साथ कितना सहयोग करती है।
इसलिए अगर हम पहले से तैयार रहते हैं, तो किसी भी संकट की घड़ी में जान-माल का नुकसान कम हो सकता है।
तो 31 मई को शाम 6 से 6:30 और रात 8 से 8:30 तक होने वाले इस अभ्यास को ध्यान से समझें और उसमें पूरा सहयोग दें। सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है।